कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आज कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में 22वाँ दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर कुलाधिपति सहित मुख्य अतिथि नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार, विशिष्ट अतिथि प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत और विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डी.आर. सिंह ने मेधावियों को पदक दिए।
कुल 643 छात्र छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गई। पदक पाने के मामले में इस बार छात्रों को पीछे छोड़ते हुए छात्राओं ने बाजी मारी 54.39 फ़ीसदी छात्राएं और 45.61 फ़ीसदी छात्रों को पदक मिले। इस अवसर पर को 57 पदक प्रदान किए गए। 14 छात्र छात्राओं को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, 14 छात्र छात्राओं को विश्वविद्यालय रजत पदक, 14 छात्र छात्राओं को विश्वविद्यालय कांस्य पदक तथा 15 प्रायोजित स्वर्ण पदक दिए गए। परास्नातक में सर्वोच्च अंक पाने वाले 17 विद्यार्थियों को पुस्तक पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर एक से अधिक पदक 6 छात्र छात्राओं को मिले। जिसमें शैल्वी वर्मा को तीन पदक, अर्पिता सोनी तीन पदक, प्रियंका सिंह दो पदक, पवन कुमार मौर्य दो पदक, कंचन देवी दो पदक एवं राजशेखर द्विवेदी को दो पदक दिए गए।
इस अवसर पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार को कुलाधिपति द्वारा मानद उपाधि से विभूषित किया गया। राज्यपाल एवं कुलाधिपति द्वारा इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए जैव संवर्धित गांव अनूपपुर के प्राथमिक विद्यालय के 25 छात्र-छात्राओं को पुस्तकें, दलिया, पेन, फल एवं बैग आदि भेंट किए गए।
कुलाधिपति एवं अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। सर्वप्रथम कुलपति ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। शिक्षण, शोध एवं प्रसार कार्यों के नवाचारो के बारे में विस्तार से जानकारी दी। 22 वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर राज्यपाल एवं कुलाधिपति आंनदी बेन पटेल ने छात्र छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि निश्चित ही आपके माता पिता ने आपको पढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत की होगी। हो सकता है वह कम पढ़े लिखे हों पर आपको पढ़ाने का संकल्प उन्होंने ज़रूर लिया होगा। उन्होंने कहा कि छात्रों से ज़्यादा पदक छात्राओं ने प्राप्त किया। यह महिलाओं का सशक्तिकरण है। लडकियां आगे बढ़ रही हैं, वहीं लड़के पिछड़ रहे हैं। यह शोध का विषय है ऐसा क्यों? उन्होंने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे समाज में एक असंतुलन आयेगा। लड़कों को भी आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के खाद्यान्न में 22 प्रतिशत भागीदारी है उत्तर प्रदेश की। उम्मीद है कृषि के छात्र किसानों के लिए नवाचार के माध्यम से महती भूमिका निभाएंगे। ज़ोर देकर उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की कीमत पर नहीं जैविक और गौ आधारित खेती करनी होगी।
कुलाधिपति ने विश्व जल दिवस के अवसर पर दूषित जल और बरबादी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत में 20 ऐसे शहर हैं जहां पानी नहीं मिलेगा। इसलिए जितनी ज़रूरत हो उतना इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि पानी के आत्मा जोड़नी चाहिए सिर्फ आस्था नहीं। उन्होंने विश्व विद्यालयों को पानी के लिए आत्मनिर्भर बनने की सलाह भी दी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार ने कहा कि आज आठ हज़ार करोड़ खाद्यान्न के उत्पादन से हमारा देश निर्यात के द्वार पर खड़ा है। उन्होंने कहा कि 92 प्रतिशत पानी कृषि में इस्तेमाल हो रहा है जबकि हमारे पास सिर्फ 4 प्रतिशत पानी पीने योग्य है। 61 प्रतिशत तक भूगर्भ जल में कमी आई है। हमें सोचना पड़ेगा। रासायनिक खादों और पानी के अत्यधिक उपयोग से खेती में लागत बढ़ी है। जिसे कम करने की आवश्यकता है। तभी किसानों की आय दोगुनी हो पायेगी। इसके लिए प्राकृतिक खेती का विकल्प अपनाना चाहिए।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा लिखित पांच पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर नौशाद खान एवं डॉ श्वेता यादव ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ सर्वेंद्र कुमार, सभी अधिष्ठाता गण, निदेशक गण, विभागाध्यक्ष एवं सभी संकाय सदस्य उपस्थित रहे।