चित्रकूट। उत्तर प्रदेश की जेले कितनी सुरक्षित हैं इन जेलों में बड़े बड़े माफियाओं के होने वाले मर्डर इनकी सुरक्षा की गवाही देते रहे है। एक ऐसे ही मामले में आज चित्रकूट की जिला जेल माफियाओं के असलहों से निकली तड़तड़ाहट से गूंज उठी। दरअसल शामली का कुख्यात माफिया मुकीम काला और बनारस के रहने वाले मेराजुद्दीन जो बाहुबली मुख्तार अंसारी का खास गुर्गा कहा जाने वाला मेराजुद्दीन चित्रकूट कारागार में सजा काट रहे थे। चित्रकूट की इसी जेल में पूर्वांचल का एक और शार्पशूटर अंशुल दीक्षित भी बंद था। चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल के मुताबिक आज सुबह 9-10 बजे के क़रीब अंशुल दीक्षित अचानक हिंसात्मक हो गया। उसने हाथ मे रिवाल्वर लेकर आधा दर्जन से ज़्यादा कैदियों को निशाने में ले लिया। यह दृश्य देखकर जेलर और जिला जेल में तैनात पुलिसकर्मियों के हाथ पैर फूल गए। आनन फानन में उन्होंने चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक को मामले की जानकारी दी तो वह फोर्स को लेकर जिला कारागार पहुचे। पुलिस अधीक्षक के जिला कारागार पहुँचते ही अंशुल दीक्षित ने मुकीम काला और मेराजुद्दीन को ढेर कर दिया था। पुलिस के आला अधिकारियों ने मौके की नजाकत को समझते हुए उसे समझाने का प्रयास किया लेकिन वह किसी तरह आत्मसमर्पण के लिए तैयार नहीं हुआ। तब पुलिस ने घेराबंदी करते हुए उसे मार गिराया। चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल से जब पूछा गया कि आखिर जेल के अंदर असलहा कैसे पहुँच गया तो वह इसका जवाब नहीं दे पाए। उनके पास अपराधी के पास कौन सा असलहा बरामद हुआ है इसका भी कोई जवाब नहीं था। अब सबसे बड़ा प्रश्न यह उठता है कि जब चित्रकूट के जिला जेल में पूर्वांचल के इतने नामी गिरामी माफिया और शार्पशूटर बन्द थे तो फिर सुरक्षा में इतनी भारी चूक कैसे हो गई और अपराधी के पास से कौन सा असलहा बरामद हुआ है इसकी तस्दीक करने में आखिर कितने घंटे का समय लगेगा।
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