बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी के शिवकुमार और कांग्रेस के कई बड़े नेता जरूरी वस्तुओं और तेल के दामों में वृद्धि के विरोध में सोमवार को बैलगाड़ी में सवार होकर विधानसभा पहुंचे। पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस ने आज ये विरोध-प्रदर्शन किया।
बसवराज बोम्मई के कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें सत्र के पहले ही दिन विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा। बोम्मई ने भी पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि जब यूपीए सत्ता में थी, तब कांग्रेस ने दामों में वृद्धि, खासकर पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी पर कुछ नहीं किया। बोम्मई ने प्रदर्शन के बारे में सवाल पूछे जाने पर कहा, जब यूपीए सत्ता में थी, तब उन्हें यह करना चाहिए था। यूपीए के समय तेल की कीमतें 100 प्रतिशत बढ़ गई थीं। अगर उन्होंने यूपीए सरकार के समय विरोध किया होता, तो उसका कुछ तुक होता। मुझे यकीन है कि वे विधानसभा में इस मुद्दे को उठाएंगे, मैं वहां जवाब दूंगा।
इससे पहले, सिद्धरमैया, शिवकुमार, जी. परमेश्वर, एम.बी. पाटिल, एस. आर. पाटिल, ईश्वर खंड्रे और अन्य कांग्रेस विधायकों के साथ अपने आवास से बैलगाड़ी में सवार होकर यहां विधानसभा और सचिवालय पहुंचे। सिद्धरमैया ने केंद्र सरकार पर झूठ बोलने और लोगों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से जीवन कठिन हो गया है, और कांग्रेस इस मुद्दे पर राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ विधानसभा के अंदर और बाहर विरोध जारी रखेगी।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, वे तेल की कीमतों में वृद्धि के लिए अंतरराष्ट्रीय कीमतों को जिम्मेदार ठहराते हैं। कच्चे तेल की कीमत 120 बैरल अमेरिकी डॉलर से घटकर 69 डॉलर हो गई है। फिर भी, एक लीटर पेट्रोल की कीमत 106 रुपये है और डीजल जल्द ही 100 रुपये तक पहुंच जाएगा। कर्ज की स्थिति पर उन्होंने कहा कि भाजपा नेता कहते हैं कि पिछली सरकार ने भारी ऋण लिया था। ऋण की राशि केवल 1.30 लाख करोड़ रुपये थी, जबकि केंद्र ने उत्पाद शुल्क में 24 लाख करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने विधानसभा के सामने रोक लिया, जिसके बाद सिद्धारमैया ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की बात कही है।