कानपुर। दयानंद शिक्षण संस्थान के सचिव डॉ. नागेंद्र स्वरूप (अष्टू बाबू) का सोमवार सुबह निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उपचार के लिए उन्हें को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की जानकारी मिलते ही पूरे शिक्षा जगत में शोक की लहर छा गई। शिक्षकों के साथ शहर के सभी गणमान्य लोगों ने अपूरणीय क्षति बताते हुए इसे एक इतिहास का अंत बताया।
बताया गया है कि नागेन्द्र स्वरूप पहले कोरोना से संक्रमित हुए थे और फिर रिपोर्ट निगेटिव आने पर स्वस्थ हो गए थे। लेकिन, फिर तबीयत खराब होने पर घरवालों ने सर्वोदय नगर स्थित रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया था। कुछ समय तक वेंटिलेटर पर भी रखा गया था और फिर स्वास्थ्य में सुधार हो गया था। रविवार सुबह अचानक हालत स्थिर होने के बाद करीब चार बजे अंतिम सांस ली।
कानपुर में प्राथमिक से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. नागेंद्र स्वरूप का नाम जाना पहचाना है। फिर चाहे डॉ. वीरेंद्र स्वरूप एजुकेशन सेंटर की बात करें या फिर डीएवी कॉलेज से लेकर डीबीएस कॉलेज, डीजी कॉलेज, महिला महाविद्यालय हो। डॉ. स्वरूप का शव उनके सिविल लाइंस स्थित आवास पर पहुंचते ही अंतिम दर्शन के लिए शिक्षकों से लेकर शहर के गणमान्य लोगों के पहुंचने का सिलसिला चलता रहा। बेटे गौरवेंद्र स्वरूप ने बताया कि पिता का अंतिम संस्कार भैरव घाट पर दोपहर दो बजे किया जाएगा।