कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डी.आर. सिंह के निर्देश के क्रम में आज पादप रोग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ यूके त्रिपाठी ने धनिया उत्पादक किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने बताया कि हरी पत्ती, औषधि, मसालों में धनिया का प्रमुख स्थान है। उन्होंने कहा कि धनिया भोजन को सुगंधित व स्वादिष्ट बनाता है।और औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। धनिया से कम क्षेत्रफल में अधिक आय प्राप्त होती है।
डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि इस समय धनिया पुष्प अवस्था पर है और दिन के तापमान में वृद्धि और रात के तापमान में गिरावट होने के कारण रोग आने की संभावना है। डॉक्टर त्रिपाठी ने किसानों को बताया कि इस समय धनिया फसल में पाउडरी मिल्ड्यू ( सफेद चूर्ण) रोग आने की प्रबल संभावना है। किसी किसी खेतों में यह रोग आ भी गया है। उन्होंने बताया कि रोग का प्रकोप होने पर या तो बीज नहीं बनते हैं या बहुत ही कम छोटे बीज बनते हैं। जिससे धनिया की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इस रोग की रोकथाम के लिए डॉक्टर त्रिपाठी ने किसानों को सलाह दी है कि सल्फैक्स 3 किलोग्राम दवा को 1000 लीटर पानी में घोलकर अभिलंब छिड़काव कर दें। तथा आवश्यकता पड़ने पर पुनः एक हफ्ते बाद इसी दवा का छिड़काव करें। उन्होंने बताया कि इस बीमारी की अधिकता से फसल नष्ट होने की संभावना रहती है।