नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 223 में निहित अधिकारों का प्रयोग करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायमूर्ति राजेश बिंदल को कलकत्ता उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। वे 29 अप्रैल, 2021 को अपना पदभार ग्रहण करेंगे। वे कलकत्ता उच्च न्यायालय के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति थोट्टाथिल भास्करन नायर राधाकृष्णन का स्थान लेंगे। विधि एवं न्याय मंत्रालय ने इस सम्बन्ध में आज एक अधिसूचना जारी की है।
बी.कॉम, एलएलबी न्यायमूर्ति राजेश बिंदल 14 अप्रैल 1985 को एक अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए थे। उन्होंने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में कराधान, संवैधानिक मामलों, दीवानी और सेवा मामलों के क्षेत्र में अधिवक्ता के रूप में कार्य किया। कराधान के मामलों में उन्हें विशेषज्ञता प्राप्त थी। उन्होंने आयकर विभाग एवं केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के लिए शासकीय अधिवक्ता के रूप में काम किया है। उन्हें 22 मार्च, 2006 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में स्थाई रूप से न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उन्हें 19 नवंबर 2018 को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संयुक्त उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया था और 09 दिसंबर 2020 को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संयुक्त उच्च न्यायालय में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। इसी वर्ष 05 जनवरी 2021 को उन्हें कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया था।