Breaking News

ग्रीष्म कालीन मूंग की फ़सल का प्रबन्ध इस प्रकार करें, जानिए

कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय  के कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह ने विश्वविद्यालय के सभी वैज्ञानिकों को निर्देश जारी कर कहा है कि कोविड-19 संक्रमण के दौरान खेती-बाड़ी से संबंधित वैज्ञानिक सलाह एवं कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाव के लिए किसानों को उचित सलाह देते रहे। इसी क्रम में मंगलवार को विश्वविद्यालय के दलहन वैज्ञानिक डॉ. मनोज कटियार ने जानकारी देते हुए कहा  कि ग्रीष्मकालीन मूंग का क्षेत्रफल उत्तर प्रदेश में लगभग 42000 हेक्टेयर क्षेत्रफल है। जबकि कानपुर मंडल में ग्रीष्मकालीन मूंग का क्षेत्रफल लगभग 10829 हेक्टेयर क्षेत्रफल है। उन्होंने कहा की ग्रीष्मकालीन मूंग की बुवाई किसान कर चुके हैं अब ग्रीष्मकालीन मूंग का प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है। ग्रीष्मकालीन मूंग में सबसे महत्वपूर्ण जल प्रबंधन एवं सिंचाई व्यवस्था होती है। डॉक्टर कटियार ने कहा कि किसान मूंग की फसल में पहली सिंचाई बुवाई के 20 दिन पर ही करे अथवा तापमान के बढ़ने पर जरूरत के अनुसार सिंचाई किसान पहले भी कर सकते हैं। प्रथम सिंचाई के बाद आवश्यकता अनुसार 10 से 12 दिनों के अंतराल पर किसान सिंचाई अवश्य मूंग की फसल में करते रहे। गर्मी की मूंग की फसल में कुल सिंचाई तीन से चार की आवश्यकता होती है। हमेशा किसान यह बात याद रखें कि शाम के समय जब हवा ना चल रही हो तब सिंचाई करना चाहिए। गर्मी की मूंग 60 से 65 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है फसल कटाई या फलियों की तूड़ाई के 5 दिन पहले सिंचाई देना अवश्य बंद कर दें।

विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. खलील खान ने किसानों को सलाह दी है कि मूंग की कटाई की अपेक्षा फलियों की तुड़ाई करना ज्यादा हितकारी होगा, क्योंकि फली तोड़ने के बाद फसल को खेत में ही रोटावेटर की सहायता से पलटने पर हरी खाद का काम करेगी तथा मृदा की उपजाऊ शक्ति में बढ़ोतरी होगी डॉक्टर खान ने किसान भाइयों को सलाह दी है कि खेती कार्य करते समय कोरोनावायरस के दृष्टिगत सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) अवश्य बनाए रखें तथा हाथों को बार-बार साबुन से सफाई करते रहे।

 

About rionews24

Check Also

‘3D कंक्रीट प्रिंटर ए न्यू इमर्जिंग कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी’ विषय पर व्याख्यान का हुआ आयोजन

सुल्तानपुर। कमला नेहरु प्रौद्योगिकी संस्थान के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में बुधवार को ‘3D कंक्रीट प्रिंटर …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *