कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दलहन अनुभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. एस.के. गुप्ता ने दलहन उत्पादक कृषकों हेतु पाला कोहरा तथा शीतलहर से दलहनी फसलों की सुरक्षा नामक एडवाइजरी जारी की है। दलहन वैज्ञानिक डॉ. मनोज कटियार ने बताया कि दलहनी फसलों की शीतलहर से सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है। डॉक्टर कटियार ने कहा कि दलहनी फसलों में अरहर फसल में इस समय कीटों के प्रकोप की प्रबल संभावना है। इसके नियंत्रण के लिए मोनोक्रोटोफॉस 36 ईसी की 1 लीटर मात्रा प्रति हेक्टेयर या क्विनालफॉस 25 सीसी की डेढ़ लीटर मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करते हैं। उन्होंने बताया कि कोरा अधिक हो और वातावरण में नमी हो तो किसान भाई एक हल्की सिंचाई अवश्य कर लें। उन्होंने कहा कि मटर और मसूर में भी माहू तथा फली छेदक कीट की संभावना है जिसके लिए डाईमेथोएट 30 ई सी 1 लीटर दवा प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। जबकि चना फसल में शीतलहर की वजह से इल्ली और कटुआ तथा तना भेदक कीट के बचाव लिए मोनोक्रोटोफॉस या क्विनालफास दवा का प्रयोग करें।
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