कानपुर देहात। कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा सोमवार को फसल अवशेष परियोजना के अंतर्गत कॉलेज विद्यार्थी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम श्री बजरंग उच्चतर माध्यमिक कॉलेज भेवान कानपुर देहात में आयोजित किया गया। जिसमें 150 से भी अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। यह कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार के निर्देशन में संपन्न हुआ।
डॉ. अशोक कुमार द्वारा बताया गया कि किसान फसल अवशेषों में आग लगा देते हैं। जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता है, साथ ही साथ मृदा में पोषक तत्वों का नुकसान होता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को जागरूक करते हुए बताया कि पराली को खेत में मिला देने से मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ खलील खान ने बताया कि खेत के अंदर जीवांश की मात्रा कम होने के कारण सब्जियों,फलों एवं अन्य फसलों में स्वाद व गुणवत्ता की बहुत कमी आ जाती है। जो कि फसल अवशेषों की खाद को मृदा में मिलाने से बढ़ाई जा सकती है। इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. शशिकांत द्वारा बताया गया कि पशुओं द्वारा गोबर की खाद को मिलाने व फसल अवशेषों को मिलाने से मृदा में जीवांश क्षमता बढ़ती है। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन पर निबंध लेखन, चित्रकला एवं वाद-विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रबंधक नीरज कुमार ने सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया। साथ ही छात्र छात्राओं से कहा कि अपने अभिभावकों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी अवश्य दें। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक जितेंद्र कुमार, विनोद पाल, राजू वर्मा, भोला पांडे सहित प्रगतिशील के लिए किसान छुन्ना सिंह, चरणजीत सिंह, राम आसरे राजपूत, ओम जी सहित अन्य विद्यालय स्टाफ उपस्थित रहे।