- विज्ञान और तकनीक के सकारात्मक संचार से समाज को सम्भाला जा सकता है ; निमिष कपूर
- 400 से अधिक प्रतिभागियों ने लिया भाग
मंदसौर। मंदसौर विश्विद्यालय के जनसंचार विभाग में मंगलवार को ‘विकासरुपी उपकरण के रूप में विज्ञान’ विषय पर ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विज्ञान प्रसार, भारत सरकार के वैज्ञानिक व विज्ञान संचारक निमिष कपूर थे। वेबिनार में 12 से अधिक राज्यों के छात्र, शोधार्थी और अध्यापकों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।कार्यक्रम की शुरुआत जनसंचार विभाग के सहायक प्रोफ़ेसर अरुण जायसवाल ने संगोष्ठी विषय पर भूमिका बांधते हुए की और समाज के विकास में विज्ञान और संचार की महत्ता पर अपनी बात रखी। वहीं इस कार्यक्रम के आयोजक व जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनीष जैसल ने कार्यक्रम के मुख्य वक्ता निमिष कुमार और ऑनलाइन माध्यम से जुड़े सभी सहभागियों का स्वागत किया। डॉ. मनीष ने कहा कि मौजूदा दौर विज्ञान का दौर है, जहाँ जमीन से लेकर जीवन तक विज्ञान पर आश्रित होता जा रहा है। इस आधुनिकता और प्रतिस्पर्धा के दौर में एक बेहतर विकास मॉडल तैयार करने और उसे क्रियान्वित करने हेतु संचार और विज्ञान दोनों की सामान आवश्यकता है।
कार्यक्रम के मुख्य वक़्ता निमिष कपूर ने अपनी बात रखी और सहभागियों के साथ एक सार्थक चर्चा की। उन्होंने कहा कि विज्ञान को समाज से जोड़ने पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी दोनों ही शांति तथा विकास के सबसे मजबूत स्तंभों में से एक बन सकते हैं। स्वतंत्रता के बाद भारत के विकास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका रही है। समाज के लिए व्यापक पैमाने पर विज्ञान का संचार एक बड़ी चुनौती है। विज्ञान को जनता तक अधिकाधिक पहुंचाने की आवश्यकता है ताकि इसका इस्तेमाल शांति और विकास के लिए एक प्रमुख उपकरण के रूप में किया जा सके।
व्याख्यान के दौरान वैज्ञानिक निमिष कपूर ने विज्ञान प्रसार की कार्य प्रणाली के साथ साथ देश व विदेश की चर्चित विज्ञान फ़िल्मों का प्रदर्शन भी किया। जिससे प्रतिभागियों को विज्ञान सम्बंधी जानकारी मिली ।
इस ऑनलाइन संगोष्ठी के अंतिम कड़ी में जनसंचार विभाग की सहायक प्रोफ़ेसर सोनाली सिंह द्वारा सभी का आभार प्रकट किया। साथ ही बताया कि मंदसौर विश्वविद्यालय का जनसंचार विभाग सामाजिक व वैज्ञानिक दोनों पद्धतियों से एक बेहतर शैक्षिक मॉडल तैयार करने की तरफ अग्रसर है और जनसंचार विभाग में नए सत्र के लिए प्रवेश भी प्रारम्भ है। इस कार्यक्रम में जनसंचार विभाग के सभी छात्र- छात्राओं सहित विश्विद्यालय के अन्य प्राध्यापकगण और देश-विदेश से लगभग 90 सहभागी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े रहे।