कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के प्रसार निदेशालय में राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान रेहमानखेड़ा लखनऊ द्वारा प्रायोजित महिला सशक्तिकरण पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में गृह वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रकला यादव ने कपड़ों पर बंधेज तकनीकी पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रेशमी अथवा सूती कपड़े के भागों को रंग के कुंड में डालने से पूर्व मोम युक्त धागे से कसकर बांध दिया जाता है। बाद में धागे खोले जाने पर बंधे हुए भाग रंगहीन रह जाते हैं। उन्होंने बताया कि कपड़ों पर बंधेज एक श्रम साध्य प्रक्रिया है और यह काम महिलाओं द्वारा आसानी से किया जाता है।
इस अवसर पर अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉक्टर धर्मराज सिंह ने सुरक्षित भंडारण पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सुरक्षित अन्न भंडारण से किसानों को पैदावार का पूरा लाभ मिलता है। उन्होंने कहा की चूहा जितना खाते हैं उस से 10 गुना ज्यादा बर्बाद करते हैं चूहों के मल, मूत्र व बाल अनाज में मिल जाते हैं अनाज खराब हो जाता है।
डॉ निमिषा अवस्थी ने दैनिक जीवन में तनाव प्रबंधन विषय पर जानकारी दी। जबकि डॉ पुष्पा देवी ने मोटे अनाजों द्वारा बढ़ाए रोग प्रतिरोधक क्षमता विषय पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मोटे अनाजों वह मोटे छिलके वाले फलों का अधिक प्रयोग करें।
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आशा यादव ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाना है। जिससे वे स्वयं का व्यवसाय कर आय अर्जित करें। इस अवसर पर डॉ सुभाष चंद्रा, डॉ अनिल कुमार सिंह, डॉक्टर सोहन लाल एवं अनिल यादव सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।