नई दिल्ली। त्रि-सेवा भविष्य युद्ध पाठ्यक्रम का दूसरा संस्करण 21 अप्रैल से 9 मई, 2025 तक नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में आयोजित किया जाएगा। यह पाठ्यक्रम मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ की देख-रेख में परिचालन किया जा रहा है और त्रि-सेवा थिंक-टैंक, संयुक्त युद्ध अध्ययन केंद्र (सीईएनजेओडब्ल्यूएस) द्वारा इनका समन्वय किया जा रहा है।
सितंबर 2024 में आयोजित पहले कोर्स की सफलता के आधार पर, यह विस्तारित तीन-सप्ताह का कार्यक्रम आधुनिक युद्ध की जटिल समस्याओं और अधिकारियों को तैयार करने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम में रैंक-अज्ञेय दृष्टिकोण को ध्यान में रखा गया है, जबकि इसमें कई अनेक स्तर पर विविध भागीदारी बढ़ी हुई हैं।
इस संस्करण में विशेष विषयों और सैन्य अभियानों में डोमेन-विशिष्ट युद्ध विकास को कवर करने वाला एक उन्नत पाठ्यक्रम है। यह एक विद्वतापूर्ण समझ विकसित करने पर केंद्रित है कि युद्ध की लड़ाई प्रौद्योगिकी से कैसे प्रभावित हो रही है, सोच, अवधारणाओं, सिद्धांतों, रणनीतियों और रणनीति, तकनीकों और प्रक्रियाओं पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। यह स्वदेशी रक्षा उद्योग की क्षमताओं के साथ परिचालन प्राथमिकताओं को रेखांकित करेगा और आधुनिक और भविष्य के युद्ध लड़ने के विभिन्न पहलुओं पर एक स्वतंत्र चर्चा को सक्षम करेगा।
इस पाठ्यक्रम में मेजर जनरल से लेकर अन्य सेवाओं के मेजर और उनके समकक्ष अधिकारी शामिल हैं, साथ ही रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत अन्य विभागों के प्रतिनिधि जिनमें डीआरडीओ, रक्षा उद्योग के स्टार्ट-अप, एमएसएमई, डीपीएसयू और निजी उद्योग भी शामिल हैं।
इस दूसरे संस्करण में सशस्त्र बलों को ‘भविष्य के लिए तैयार’ बनाने, सेवाओं के बीच संयुक्तता और एकीकरण को बढ़ावा देने तथा आधुनिक युद्ध के बढ़ते जटिल परिदृश्य से निपटने के लिए सुसज्जित रणनीतिक नेतृत्व विकसित करने के बड़े मिशन को जारी रखा गया है।