कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डी. आर. सिंह के निर्देश के क्रम में पादप कार्यिकीय विभाग में छात्र छात्राओं हेतु विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। पादप कार्यिकीय विभाग के ख्याति प्राप्त पूर्व प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. एन.बी. सिंह ने छात्र-छात्राओं को गेहूं में ऊष्मा निर्धारण हेतु तापमान मूल्यह्रास सूचकांक विषय पर व्याख्यान दिया। डॉ. सिंह ने बताया कि वैश्विक तापमान बढ़ने से पृथ्वी गर्म हो रही है तथा बाढ़, सूखा जैसी आपदाएं भी हो रही हैं। उन्होंने बताया कि असंतुलित मौसम का असर भी दिखाई पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में विलंब से बोई जाने वाली गेहूं की प्रजातियां किसान अपनाएं। जो उच्च तापमान को सहन कर सकें।
उन्होंने बताया कि शोधों द्वारा यह ज्ञात हुआ है कि देर से बुवाई वाली गेहूं में जल्दी पुष्पन आने वाली प्रजातियां ही सही है तथा उन्होंने सलाह दी है कि देर से बुवाई वाली प्रजातियों में दुग्ध अवस्था पर सिंचाई अवश्य करें। उन्होंने छात्रों को बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा उच्च तापमान सहन प्रजातियां जैसे-हलना, उन्नत हलना, नैना, इंदिरा, मालवीय, राज 3765 विकसित की गई हैं। जो देर से एवं उच्च तापमान सहनशील प्रजातियां हैं और ऐसी परिस्थिति में भी यह अच्छा उत्पादन देती हैं। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ. करम हुसैन ने मुख्य वक्ता का अंग वस्त्र देकर स्वागत किया। डॉक्टर हुसैन ने बताया की इस अवसर पर 100 से अधिक शिक्षक, छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।