कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के पादप रोग विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ एसके विश्वास ने आज हुई बारिश तथा आसमान में बादल छाए रहने के कारण किसानों को एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने बताया कि आलू की फसल में पिछेती झुलसा आने की प्रबल संभावना है।
उन्होंने यह भी कहा कि रात में तापमान 12 से 15 डिग्री सेल्सियस तथा दिन में हल्की गर्मी एवं आर्द्रता 85% के ऊपर रहती है तो यह रोग लगने की संभावना ज्यादा रहती है। उन्होंने बताया कि बारिश के कारण पत्तियों से पानी होकर जमीन में गिरता है जिससे आलू के कंद भी प्रभावित होते हैं। और आलू की गुणवत्ता प्रभावित होती है। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि किसान किसी भी कवकनाशी दवा जैसे रेडोमिल M-72 की 2 मिलीलीटर मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर दें। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि यदि लगातार बदली बनी रहती है तो इसी दवा को 15 दिन पर दूसरा छिड़काव अवश्य कर दें। उन्होंने यह भी बताया कि यदि दिन में धूप व रात्रि में कोहरा पड़ता है। तो अगेती झुलसा आने की भी संभावना रहती है। उन्होंने किसान भाइयों को सचेत करते हुए बताया कि इसकी रोकथाम हेतु 2 ग्राम मैनकोज़ेब प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर दें।
सरसों की फसल के बारे में उन्होंने बताया कि ऐसे मौसम में अल्टरनरिया झुलसा आने की प्रबल संभावना रहती है।इसकी रोकथाम के लिए किसान भाई स्ट्रिपटोसाइक्लिन 100 पीपीएम और कॉपर ऑक्सिक्लोराइड की 500 पीपीएम मात्रा को एक साथ मिलाकर छिड़काव करें। गेहूं की फसल के बारे में उन्होंने बताया कि ऐसे मौसम में गेहूं की फसल में फोलियर ब्लास्ट रोग आने की संभावना रहती है। इसके नियंत्रण के लिए किसान भाई जिनेब दवा की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। उन्होंने दलहनी फसलों के लिए बताया कि इस मौसम में वर्षा से पुष्पन अवस्था में परागण न होने के कारण उत्पादन पर असर पड़ता है।