कानपुर देहात। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोध निदेशालय में संचालित राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत उन्नतशील गेहूं और जौ की किस्मों के सुदृढ़ीकरण हेतु आज ग्राम बिल्टी में एक दिवसीय कृषक वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें विश्वविद्यालय के सहायक निदेशक शोध डॉ मोहम्मद शमीम ने विश्वविद्यालय द्वारा विकसित गेहूं और जौ की प्रजातियों पर विस्तार से किसानों को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा गेहूं की k-1006 एवं k-1317 नवीन प्रजातियां हैं। उत्पादन की दृष्टि से बेहतर है।
इस अवसर पर डॉक्टर भानु प्रताप सिंह ने गेहूं में खरपतवार नियंत्रण के लिए किसानों को बताया कि बुवाई के तुरंत बाद पंडिमेथालिन की सवा 3 लीटर मात्रा प्रति हेक्टेयर के हिसाब से छिड़काव कर दें। जिससे फसल खरपतवार रहित होगी। साथ ही जायद में मूंग, उड़द की प्रजातियों पर भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मूंग की स्वेता एवं सम्राट प्रजातियां उत्तम है। इनमें पीला चितेरी रोग नहीं लगता है।
इसके अतिरिक्त किसानों ने वैज्ञानिकों को बताया कि खेतों में दीमक की समस्या है जिस पर वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया कि सिंचाई के पानी के साथ क्लोरपीरिफॉस दवा को प्रयोग करने से दीमक से निजात मिलती है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार, डॉ मनोज मिश्र एवं मीडिया प्रभारी डॉ खलील खान के अतिरिक्त गांव के किसान अंशुमान सिंह, निर्मल सिंह, अजय सिंह परिहार सहित एक सैकड़ा किसान उपस्थित रहे।