कानपुर। चंद्रशेखर आजाद की पर्यावरण सुरक्षा समिति द्वारा दो दिवसीय युवा संसद कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम आयोजक डॉक्टर वाई. के. सिंह ने बताया कि इस युवा संसद कार्यक्रम में युवाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी बात रखी। प्रथम दिन युवाओं ने भारत में वर्तमान जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बहस की और दूसरे दिन युवाओं ने पर्यावरण संरक्षण में स्वदेशी ज्ञान का उपयोग को लेकर बहस की दोनों ही दिन डॉ. वाई. के. सिंह, शशांक शुक्ला और तुषारिका शर्मा जज के रूप में मौजूद रहे। प्रथम दिन प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाने के लिए स्पेशल गेस्ट के रुप में मुदिता मिश्रा मौजूद थी। जो राष्ट्रीय युवा संसद 2021 में विजय हासिल कर चुकी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पुरस्कार भी प्राप्त कर चुकी है। प्रथम दिन हुई बहस में सुकृति श्रीवास्तव, तनु उपाध्याय और अमरीश सिंह विजेता रहे, जबकि दूसरे दिन के बहस में देबारती चक्रवर्ती, मुकुल कुमार, कोशिका छाबड़ा विजेता रहे, इस कार्यक्रम को सफल बनाने में दीप्ति नारायण (कैंपस एंबेसडर ऑफ पर्यावरण संरक्षण गतिविधि ) और कोर टीम मेंबर्स- कीर्ति शुक्ला, सुष्मित वर्मा, अनुष्का मेहरोत्रा, शिवानी सिंह का भी योगदान रहा। डॉ. सिंह ने बताया कि दोनों दिन की बहस से दो निष्कर्ष निकल के सामने आए पहला पॉपुलेशन पॉलिसी जनसंख्या के नियंत्रण की अवधि को कम कर देगी और साथ में जरूरत है सरकार को ऐसे नीतियां निकालने की जिससे हेल्थ और एजुकेशन सेक्टर पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा और दूसरा निष्कर्ष यह निकला कि स्वदेशी ज्ञान के साथ-साथ वैज्ञानिक ज्ञान भी जरूरी है पर्यावरण संरक्षण के लिए। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह ने युवाओं को पर्यावरण गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग प्रतिभाग करने के लिए कहा। निदेशक शोध डॉ. एच. जी. प्रकाश ने कहा कि युवा पर्यावरण संरक्षण में मील का पत्थर साबित होंगे। इस कार्यक्रम में साठ से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
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