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सीएसए विश्वविद्यालय में चार दिवसीय औद्यानिक फसलों एवं जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ शुभारंभ

कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कैलाश भवन प्रेक्षागृह में शनिवार को चार दिवसीय उद्यानिकी फसलों एवं जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया गया।

इस अवसर पर संगोष्ठी में मुख्य अतिथि कृषि वैज्ञानिक चयन बोर्ड के चेयरमैन डॉ. ए.के. श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में बताया कि हमारा देश फल एवं सब्जी उत्पादन में पूरे विश्व में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि उद्यान के अतिरिक्त पशुओं में हमारे देश की 50 नस्लें हैं जिसमें भैंस वंश की 19 नस्लें हैं। उन्होंने कहा कि हमारे प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने की आवश्यकता है। साथ ही फसलों के कटाई उपरांत होने वाली हानियों को कम करना होगा। उन्होंने बताया कि मृदा में आवश्यक पोषक तत्वों की भी कमी हो रही है इसे भी बचाना है। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि हमारा देश सन 1966 में 10 मिलियन टन गेहूं का आयात करता था। लेकिन अब हमारे यहां पर्याप्त खाद्यान्न उत्पादन हो रहा है। इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों व किसानों को उन्होंने धन्यवाद दिया। उन्होंने फसल कटाई उपरांत होने वाली हानियों के बचाव के लिए कहा कि किसानों के स्तर पर ही छोटे-छोटे कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे। जिससे किसान उद्यमी होंगे और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के बारे में बताया कि जलवायु परिवर्तन प्राकृतिक तथ्य है इसलिए ऐसे शोध किए जा रहे हैं जो जलवायु अनुकूल हों। 

इस अवसर पर श्री कोंडा लक्ष्मण तेलंगाना राज्य उद्यान विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. बी. नीरजा प्रभाकर ने भी वैज्ञानिकों को संबोधित किया और चार दिवसीय संगोष्ठी की सफलता की शुभकामनाएं दी। रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. के. पी. सिंह ने भी देश के विभिन्न राज्यों से आए वैज्ञानिकों को संबोधित किया। डॉ. पी. जानकीराम, कुलपति वाई.एस.आर. उद्यान विश्वविद्यालय आंध्र प्रदेश ने भी संबोधित किया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व उप महानिदेशक उद्यान डॉक्टर एच.पी. सिंह ने चार दिवसीय कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। 

इस कार्यक्रम में कारगिल युद्ध में शहीद लेफ्टिनेंट अमित सिंह के चित्र पर अतिथियों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की गई। तत्पश्चात कार्यक्रम में शोध चिंतन 2022, बुक ऑफ ऑब्स्ट्रैट 2022, प्रोसीडिंग 2020-21, इवेंट सीडी एवं इंटरनेशनल जर्नल आफ इन्नोवेटिव हॉर्टिकल्चर नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉक्टर ए. के. श्रीवास्तव को कॉन्फ्रेंस आफ हॉर्टिकल्चर एसोसिएशन आफ़ इंडियन आनर्ड फेलो- 2022 से विभूषित किया गया। जबकि डॉ. टी. जानकी राम  को लाइफटाइम रिकॉग्निशन अवार्ड 2022 सहित कई वैज्ञानिकों को अमित सिंह मेमोरियल अवार्ड से भी घोषित किया गया। इस अवसर पर रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर के. पी. सिंह को अमित प्रबुद्ध मनीषी अवार्ड से विभूषित किया गया। उद्घाटन सत्र के पश्चात तकनीकी सत्र प्रारंभ हुआ। अतिथियों का स्वागत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डी.आर. सिंह ने किया। जबकि धन्यवाद निदेशक शोध डॉ. करम हुसैन ने किया। कार्यक्रम का संयुक्त संचालन डॉक्टर श्वेता यादव एवं डॉक्टर नौशाद खान ने सफलतापूर्वक किया। इस अवसर पर डॉ. पी. रेथीनाम, पूर्व सहायक महानिदेशक आईसीएआर, अमित सिंह मेमोरियल ट्रस्ट की विमला सिंह, डॉक्टर ए. के. सिंह समन्वयक, डॉ. विजय यादव, डॉक्टर सी.एल. मौर्या, डॉक्टर धर्मराज सिंह, मानवेंद्र सिंह सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए लगभग 400 वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग किया।

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