कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के निदेशक शोध डॉक्टर करम हुसैन ने बताया कि साग भाजी विज्ञान विभाग कल्याणपुर प्रक्षेत्र पर अखिल भारतीय समन्वित आलू शोध परियोजना, केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला के सहयोग से आलू फसल के परीक्षण संपादित किए गए हैं। इन आलू फसल के परीक्षणों का निदेशक शोध डॉक्टर करम हुसैन के नेतृत्व में केंद्र के प्रभारी डॉ. पी. के. सिंह एवं पादप रोग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष एवं प्रोफेसर डॉ. एस.के. विश्वास द्वारा तकनीकी रूप से अवलोकन किया गया। उन्होंने बताया कि आलू परीक्षणों में सात फसल सुधार, 5 फसल उत्पादन और 7 फसल रक्षा के परीक्षण लगे हुए हैं। गहनता पूर्वक परीक्षण में पाया गया कि आलू की कुफरी लीमा प्रजाति में कोई रोग नहीं है उन्होंने बताया कि कुफरी लीमा प्रजाति में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है जो किसानों के लिए लाभदायक साबित होगी। क्योंकि प्रतिकूल मौसम में भी इस प्रजाति में कोई रोग नहीं आया है। निदेशक शोध ने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए यह प्रजाति वरदान साबित होगी। उन्होंने बताया कि इस प्रजाति के में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक है दूसरा यह कि अगेती किसान लगाकर गन्ने की बुवाई भी कर सकते हैं। जिससे किसान अधिक मुनाफा अर्जित कर सकेंगे। योजना में कार्यरत डॉ. अजय कुमार यादव ने बताया कि जो किसान भ्रमण पर आते हैं उनका आकर्षण इसी प्रजाति पर रहता है। फसल निरीक्षण के दौरान डॉ. रामप्यारे, डॉक्टर पी.के. सिंह, डॉक्टर एस.के. विश्वास, डॉक्टर के. पी. सिंह, डॉक्टर आई. एन. शुक्ला सहित अन्य वैज्ञानिक उपस्थित रहे।
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