भारत की पहली ऑस्कर पुरस्कार विजेता, कॉस्ट्यूम डिजाइनर भानु अथैया का बीते गुरुवार को 91 साल की उम्र में निधन हो गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनकी बेटी राधिका गुप्ता ने बताया कि लंबी बीमारी के बाद उनका निधन अपने घर में हो गया। आठ साल पहले उनके ब्रेन में एक ट्यूमर पाया गया था। वह पिछले तीन साल से बिस्तर पर थीं, क्योंकि उनके शरीर के एक हिस्से को लकवा मार गया था ।
अथैया का जन्म कोल्हापुर में हुआ था। उन्होंने हिंदी सिनेमा में गुरु दत्त की 1956 की सुपरहिट फिल्म सीआईडी से कॉस्ट्यूम डिजाइनर के रूप में अपने करियर की शुरूआत की थी। रिचर्ड एटेनबॉरो की फिल्म गांधी के लिये उन्हें ब्रिटिश कॉस्ट्यूम डिजाइनर जॉन मोलो के साथ बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइन का ऑस्कर पुरस्कार मिला था। महात्मा गांधी की भव्य बायोपिक ने उस ऑस्कर में सबसे ज्यादा आठ पुरस्कार जीते थे।
अथैया ने ऑस्कर अवॉर्ड में अपने भाषण में कहा था कि यह विश्वास करने के लिए ज्यादा ही अच्छा है। अकादमी और सर रिचर्ड एटेनबॉरो को दुनिया का ध्यान भारत पर आकर्षित करने के लिए धन्यवाद।
अथैया ने 2012 में अपना ऑस्कर सुरक्षित रूप से रखे जाने के लिये एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स आर्ट्स एंड साइंसेज को लौटा दिया था। उन्होंने बताया था कि उन्हें पुरस्कार को वापस देने के बारे में कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा था कि वे कुछ समय से यह चाहती थीं। वे उनकी मदद करने के लिए अकादमी का धन्यवाद करना चाहती हैं। पहले भी बहुत से ऑस्कर विजेताओं ने अपने ऑस्कर को सुरक्षित रखने के लिए लौटाया है. यह अकादमी के साथ एक परंपरा है।
उन्हें गुलजार की फिल्म लेकिन (1990) और आशुतोष गोविरकर की फिल्म लगान (2001) के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था।भानू अथैया ने पांच दशक के अपने लंबे करियर में 100 से ज्यादा फिल्मों के लिए अपना योगदान दिया। गुरू दत्त, यश चोपड़ा, बी.आर चोपड़ा, राज कपूर, विजय आनंद, राज खोसला और आशुतोष गोवारिकर के साथ कॉस्ट्यूम डिजाइनर के तौर पर काम किया। आखिरी बार भानू अथैया ने आमिर खान की फिल्म ‘लगान’ और शाहरुख खान की फिल्म ‘स्वदेस’ में कॉस्ट्यूम डिजाइनर के तौर पर काम किया था।
रेणुका शहाणे ने अथैया को एक ‘‘शानदार तथा समर्पित कास्ट्यूम डिजाइनर’’ बताया। निर्माता बोनी कपूर ने कहा कि अथैया की उपलब्धि से देश गौरवान्वित हुआ है।
ऑस्कर पुरस्कार विजेता साउंड डिजाइनर रसूल पोकुट्टी ने अथैया को ‘‘मार्गदर्शक’’ बताया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘जब किसी ने ऑस्कर का नाम भी नहीं सुना था, तब आपने उसे हमारे लिए जीता। आप प्रेरणा हैं। यह मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।’’