कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शस्य विज्ञान विभाग में शोधार्थी राम नरेश ने किसानों के लिए कृषि संबंधी समस्याओं के लिए किसान कॉल सेंटर हेतु एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने बताया कि किसान कॉल सेंटर के माध्यम से किसान अपनी समस्या व कृषि संबंधित जानकारी व सहायता प्राप्त कर सकते है। किसान अपनी कृषि समस्या के लिए किसान कॉल सेंटर पर काल कर सकते है। किसान कॉल सेंटर toll free Customer Care सर्विस है। जो देश के सभी किसानों के लिए फ्री सहायता केंद्र है। इसके अलावा किसान खेती संबंधित, पशुपालन संबंधित, डेयरी संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते है। परंतु आजकल खेती को ओर भी अधिक उन्नत बनाने के लिए कई तकनीक उपलब्ध है । इन तकनीकों को किसानों द्वारा प्रयोग भी किया जा रहा है । परंतु जब वे खेती के लिए वे इन नयी तकनीकों का प्रयोग करते हैं तो उन्हें कई समस्या उत्पन्न होती है। किसान अपनी कृषि समस्या का समाधान तुरंत उसी समय कर सके इसलिए भारत सरकार ने किसान कॉल सेंटर बनाए। जिसमें किसान किसी भी समय किसान कॉल टोल फ्री नंबर 1800-180-1551 प्रत्येक किसान कॉल सेंटर पर सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक उपलब्ध हैं। किसान कॉल सेंटर एजेंट जिन्हें फ़ार्म टेली एडवाइज़र (FTA) के रूप में जाना जाता है, जो कृषि या संबद्ध क्षेत्रों (बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, सेरीकल्चर, एक्वाकल्चर, एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग) में स्नातक या उससे ऊपर (यानी पीजी या डॉक्टरेट) हैं। कृषि विपणन, जैव प्रौद्योगिकी, गृह विज्ञान, आदि) और संबंधित स्थानीय भाषा में उत्कृष्ट संचार कौशल हैं। किसान कॉल सेंटर 1800-180-1551 का मुख्य उद्देश्य है कि टेलीफोन द्वारा एक ऐसी सेवा उपलब्ध करवाई जाए, जिसके माध्यम से कोई भी किसान घर बैठे अपनी कृषि समस्याओं के बारे में विशेषज्ञों से सलाह मशवरा कर सके।
भारतीय कृषि मंत्रालय और भारत सरकार के प्रयासो के फलस्वरूप 21 जनवरी 2004 मे किसान कॉल सेंटर की शुरवात हुई। यह सुविधा पूरे भारत मे एकसाथ शुरू की गयी। किसान कॉल सेंटर को स्टार्ट करने का मुख्य उद्देश्य किसानो की समस्या का तुरंत समाधान और उपज बढ़ाने के तारीके उनकी लोकल भाषा मे ही बताई जाती है ।किसानो की समस्या जो भी कृषि से जुड़ी हुई होती है उनसा समाधान इन किसान कॉल सेंटरो पर किया जाता है। किसान कॉल सेंटर पर उपस्थित व्यक्ति किसानो की समस्या का समाधान तुरंत उसी वक़्त करता है। अगर कॉल रिसीव करने वाला व्यक्ति किसान की समस्या का समाधान करने मे समर्थ नही है तो वह उसी समय उस कॉल को किसी स्पेशलिस्ट को ट्रान्सफर करता है। जानकारी फोन करने वाले किसान की कॉल सेंटर के स्तर एक पर नियुक्त ग्राहक सेवा प्रतिनिधि से बात होगी। प्रतिनिधि कम से कम कृषि स्नातक होता है। किसान उसको अपनी समस्या/ जिज्ञासा बताता है तो उसे संबंधित सलाह मशवरा दिया जाता है। किसान, उसकी समस्या/ जिज्ञासा व उसके समाधान का ब्यौरा कंप्यूटर में दर्ज कर लिया जाता है। पूरे देश मे कुल 21 किसान कॉल सेंटर चल रहे है किसानों के प्रश्नों के उत्तर 22 स्थानीय भाषाओं में दिए जाते हैं किसान कॉल सेंटर पर आए हुये कॉल को रेकॉर्ड किया जाता है तथा किसानो की जानकारी को दिन तारिक उनकी समस्या उनकी जगह व समाधान के हिसाब से एक डाटा बेस बनाया जाता है तथा इसे नेट पर अपलोड किया जाता है।