Breaking News

पौधशाला में सब्जियों की स्वस्थ पौध इस प्रकार तैयार करें : डॉक्टर संजीव कुमार सचान

कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डी.आर. सिंह द्वारा जारी निर्देश के क्रम में रविवार को कल्याणपुर स्थित शाकभाजी अनुभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संजीव सचान ने बताया कि खरीफ के मौसम (वर्षा ऋतु) में यानी जुलाई के प्रथम पखवाड़े तक बैंगन, मिर्च, फूलगोभी, पातगोभी, गांठ गोभी, टमाटर और प्याज की पौध डालने का उचित समय है। नर्सरी के लिए ध्यान रखना चाहिए कि पौधशाला ऊंचे स्थान पर हो तथा जल निकासी एवं जल प्रबंधन व प्रकाश की उचित व्यवस्था हो। 

डॉक्टर सचान ने बताया कि पौधशाला में 2 किलोग्राम गोबर की सड़ी खाद 500 ग्राम वर्मी कम्पोस्ट प्रति वर्ग मीटर की दर से अवश्य मिलाएं। तत्पश्चात थीरम से भूमि का शोधन अवश्य कर लें। जिससे फफूंदी जनित बीमारियों से पौध बची रहे। बीज के चयन के लिए उन्होंने बताया कि बीज का स्रोत प्रमाणित होना चाहिए तथा बीज रोग कीट व्याधि से मुक्त होना चाहिए। फसल के अनुसार उचित मात्रा में बीजों का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंक्ति से पंक्ति बुवाई करने से निराई करना सुविधाजनक होता है। बुवाई करते समय मिट्टी, बालू, गोबर की खाद और कोकोपीट को 1:1:1:2 के अनुपात में मिश्रण बना कर डाल देना चाहिए तथा बीज बुवाई के तुरंत बाद क्यारियों में हजारे से इतना पानी छिड़का जाए कि मिट्टी गीली हो जाए। उन्होंने नर्सरी के लाभ के बारे में बताया कि खेत में सीधी बुवाई की अपेक्षा बीज कम लगता है तथा मुख्य खेत की तैयारी का समय मिल जाता है एवं पौध तैयार करने में मेहनत व लागत में कमी आती है। डॉक्टर सचान ने बताया कि नर्सरी बुवाई के 25 दिन बाद यानी जब पौध में तीन से चार पत्तियां हो जाए तब खेत में रोपाई कर देते हैं।

About rionews24

Check Also

उत्तर प्रदेश डायबिटीज एसोसिएशन ने डॉ. प्रवीण कटियार को फेलोशिप प्रदान की

कानपुर। उत्तर प्रदेश डायबिटीज एसोसिएशन ने शनिवार को 23वीं वार्षिक कांफ्रेंस, यूपीडीएकान 2024, गाजियाबाद, की …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *