कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डी.आर. सिंह द्वारा जारी निर्देश के क्रम में गुरुवार को विश्वविद्यालय के सहायक निदेशक शोध डॉ मनोज मिश्र ने बताया कि तीन दिन से रुक-रुक कर रिमझिम बारिश से जहां खरीफ फसलों की तैयारी में काफी मदद मिलेगी, वहीं खेतों की जुताई के काम को रफ्तार मिलेगी। इस बारिश से किसानों के समय के साथ डीजल पर आने वाला खर्च भी बच गया है।
डॉ मिश्र ने बताया कि इस वर्षा से किसान हरे भुट्टे के लिए अगेती मक्का की बुवाई कर सकते हैं तथा अगेती धान के लिए किसान धान की नर्सरी डाल सकते हैं। इसके अतिरिक्त चारे के लिए कटान ज्वार (चरी), लोबिया, ग्वार के साथ मिलाकर बुआई कर दें। जिससे पशुओं को हरा चारा भी प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि इसी नमी में सावा, अरहर तथा बाजरा की बुवाई कर सकते हैं। परंतु ध्यान रहे की बुवाई से पूर्व बीज शोधन अवश्य कर लें। विश्वविद्यालय के अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग के वैज्ञानिक डॉ हरीश चंद्र सिंह ने बताया कि किसान इस समय अगेती मक्का में उन्नतशील प्रजातियां जैसे प्रिया, माधुरी, सुपर स्वीट तथा बेबीकॉर्न के लिए आजाद कमल, गोल्डन बेबी, एच् एम-4 की बुवाई करें। वहीं उन्होंने अगेती धान की नर्सरी हेतु किसानों को सलाह दी है कि धान की प्रजातियां जैसे नरेंद्र 18, नरेंद्र 80, नरेंद्र 1-2, एवं पंत 12 प्रमुख प्रजातियों का चुनाव करें। उन्होंने सलाह दी है कि धान की नर्सरी डालने से पूर्व कार्बेंडाजिम से शोधित अवश्य कर लें। साथ ही किसान सब्जी के लिए लोबिया व ग्वार की भी खेती कर लाभ अर्जित कर सकते हैं।
विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ सुनील पांडे ने बताया कि तीन दिनों से हो रही बारिश में लगभग 30 एमएम वर्षा हुई है। उन्होंने बताया कि 21 मई तक हल्के बादल रहने की संभावना है। इस बार मानसून समय से आएगा और अच्छी बारिश की भी संभावना है, जो खेती की दृष्टि से काफी लाभदायक होगी।