फतेहपुर। पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार लाभकारी पशुपालन एवं डेयरी प्रबंधन से किसानों का क्षमता विकास योजना अंतर्गत डेयरी फार्मिंग विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आर. डी. अहिरवार द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। मुख्य अतिथि द्वारा आत्मनिर्भर भारत के तहत पशुपालन डेयरी फार्मिंग की पुस्तक का विमोचन किया गया।
तकनीकी सत्र के प्रथम दिवस डॉक्टर देवेंद्र स्वरूप पशु वैज्ञानिक कार्यक्रम संयोजक ने डेयरी फार्मिंग एक सशक्त माध्यम तथा मुख्य गोवंश व भैंस की नस्लों तथा प्रबंधन पर चर्चा की। डॉक्टर नौशाद आलम, प्रसार वैज्ञानिक ने पशुधन उत्पाद से मृदा स्वास्थ्य संवर्धन व जैविक कृषि पर अपना व्याख्यान दिया। डॉक्टर जगदीश किशोर वैज्ञानिक ने पशुधन के साथ मशरूम व मौन पालन तथा आय संवर्धन पर चर्चा की। डॉ. अलका कटिहार कार्यक्रम सहायक गृह विज्ञान ने स्वच्छ गुड उत्पादन के साथ दूध के गुणवत्ता युक्त पदार्थ छेना पनीर आदि पर विस्तृत चर्चा की। मुख्य अतिथि डॉक्टर अहिरवार मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने पशुपालकों से अनुरोध किया कि समय पर कृमि नाशक देने से पशु स्वस्थ रहता है एवं लागत घट जाती है। उमेश चंद्र शुक्ला प्रज्ञा ग्राम उत्थान समिति के सचिव ने स्वयं सहायता समूह के सफल संचालन व आए पूरक व्यवसाय पर चर्चा की। उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी फतेहपुर डॉ. एस. के. तिवारी ने प्रमुख बीमारियों रोग प्रबंधन टीकाकरण तथा विभागीय योजनाओं के साथ पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड के लाभ एवं गौ संवर्धन पर विस्तृत चर्चा किया। प्रशिक्षण में हसवा, बहुवा, मिठौरा ब्लाक के स्वयं सहायता समूह के 50 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण लिया। सुधा देवी ग्राम दनियालपुर रेखा देवी ग्राम शाह, रंजना देवी चक रसूलाबाद रेनू देवी ग्राम रतौली मान सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहकर लाभ लिया।