कानपुर देहात। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर द्वारा गोद लिए गए जैव संवर्धित गांव अनूपपुर में रोजगारपरक प्रशिक्षण देने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डीआर सिंह के निर्देश के क्रम में कृषि विज्ञान केंद्र कन्नौज की गृह वैज्ञानिक डॉ पूनमसिंह द्वारा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए देशी गाय के गोबर से सजावटी दीये बनाने का प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र कानपुर देहात की श्रीमती चंद्रकला व डॉ निमिषा अवस्थी के सहयोग से चयनित महिलाओं के लिए सम्पन्न कराया गया।
डॉ पूनम सिंह नें बताया कि देशी गाय व गाय के गोबर हमारी धार्मिक व सांस्कृतिक रीति में अत्यंत पवित्र स्थान रखता है और गाय से प्राप्त पांचगव्यों का प्रयोग हमारे घरों से लेकर खेतो तक अनेको रूप में पर्यावरण व मानव स्वास्थ्य के लिए लाभ दायक है। देशी गाय से दूध के अतिरिक्त प्राप्त होने वाले अन्य उत्पाद को बढ़ावा देकर हम गौ संरक्षण में एक महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं व गौ सेवा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
डॉ सिंह ने बताया कि गाय से प्राप्त एक दिन पुराने गोबर में 2:1 के अनुपात में मुल्तानी मिट्टी व ग्वारगम पाउडर को मिलाकर आटे की तरह मुलायम गूँथ ले। इसके बाद उसकी लोई लेकर पहले से तेल लगे हुए सांचे में डाल कर सांचे को अच्छे से दबाकर बैंड कर दें व बाहर निकले हुए मिश्रण को हाथ से हटा कार दिए की फिनिशिंग कर दें। अब दिए को सांचे से निकाल कर धूप में सूखने के लिए रख दें। दिया कड़ी धूप में एक दिन में सूख जाएगा। हल्दी व गेरू से रंग कर भी बाजार में विक्रय के लिए ले जा सकते हैं किन्तु अधिक लाभ के लिए इनक वाटर कलर या फैब्रिक कलर से रंग व सजा कर भी विक्रय कर सकते हैं। रंग की गुणवत्ता व डिज़ाइन के अनुसार बाजार में इसकी पार्टी दिया 4-6 रुपये तक कीमत आसानी से प्राप्त की जा सकती। इसका 6-10 दीये का पैक बना कर बेच भी सकते व गिफ्ट भी कर सकते हैं।
ग्रामीण आजीविका मिशन विभाग कानपुर देहात द्वारा इस परियोजना में समूह की महिलाओं का सहयोग करने का आश्वासन भी दिया गया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र कानपुर देहात के अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ने महिलाओं की प्रतिभाग के उत्साह की सराहना की व मृदा वैज्ञानिक डॉ अरविंद कुमार भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती सौम्या पाण्डेय, जिला विकास अधिकारी व जिले के अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।