कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डी.आर. सिंह ने बताया कि मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट वर्ष 2022 कृषि एवं कृषक हितेषी है। उन्होंने बताया कि 1.63 करोड़ किसानों द्वारा उत्पादित गेहूं एवं धान की खरीद के सीधे भुगतान हेतु 2.37 लाख करोड़ धन की उपलब्धता से किसानों को और अधिक लाभ होगा। रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती के राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन से किसानों को अधिक लाभ होगा तथा मृदा के स्वास्थ्य में भी सुधार होगा। गंगा नदी के कारीडोर 5 किलोमीटर के दायरे में प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा दिये जाने का भी बजट में प्रावधान है। जिससे गंगा नदी के किनारों के क्षेत्रों के किसानों को ज्यादा लाभ होगा।
राष्ट्रीय कृषि विकास बैंक (नाबार्ड) कृषि एवं ग्रामीण उद्यमों के स्टार्टअप हेतु धन उपलब्ध कराएगा। जिससे कृषि में रोजगार एवं आय सृजन के अवसर बढ़ेंगे तथा कृषि यंत्र भी सस्ते होंगे। फसल वृद्धि एवं उत्पादकता आकलन हेतु ड्रोन तकनीक का प्रयोग, भूमि अभिलेखों का डिजिटाइजेशन, कीट एवं कवकनाशी तथा पोषक तत्वों के छिड़काव पर विशेष अभियान चलाया जाएगा जिससे फसलों की उत्पादकता में वृद्धि के साथ-साथ कृषकों के भूमि अभिलेखों का भी डिजिटाइजेशन होगा। जलवायु एवं ऊर्जा क्षेत्र में 19 हजार 500 सौ करोड़ सोलर माड्यूल के निर्माण से कार्बन उत्सर्जन में 38 एमएमटी की वार्षिक कमी होगी। फसल अवशेष प्रबंधन के द्वारा फसल ठूंठ जलाने में कमी पर भी बजट में विशेष ध्यान दिया गया है। कृषक उत्पादों की उचित मूल्य हेतु वैल्यू चैन पर स्टार्टअप पर भी बजट में विशेष व्यवस्था की गई है। जिससे किसानों द्वारा उत्पादित साकभाजी, फलों एवं मशरूम को अधिक मूल्य मिल सकेगा। कृषि विश्वविद्यालयों के विस्तार तथा विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित हेतु विशेष बल दिया गया है।