मुंबई। लेजेंड्री अभिनेत्री नरगिस दत्त को गुजरे हुए 41 वर्ष बीत चुके हैं। उन्होंने 3 मई, 1981 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। नर्गिस ने मात्र छह साल की उम्र में 1935 में आई फिल्म ‘तलाश-ए-हक़’ में अभिनय के साथ फ़िल्मी सफ़र की शुरुआत की थी।
नरगिस पहली अभिनेत्री थी जिसे पद्मश्री दिया गया। सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री की श्रेणी में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पाने वालों में भी वह प्रथम अभिनेत्री थी। मुंबई में बांद्रा में उनके नाम पर सड़क है। हर साल हो रहे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में राष्ट्रीय एकता पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म को नरगिस दत्त अवॉर्ड दिया जाता है।
राजकपूर के साथ नरगिस की जोड़ी दर्शको ने काफी सराहा। 1940-1960 के दशक में सबसे खूबसूरत और पॉपुलर जोड़ियों में से एक इस जोड़ी ने कई सुपरहिट फ़िल्में दीं। मदर इण्डिया की शूटिंग के दौरान सुनील दत्त ने उनके सामने विवाह का प्रस्ताव रखा जिसे उन्होंने सहज स्वीकार का लिया था। 11 मार्च 1958 को नरगिस ने सुनील दत्त से विवाह कर लिया और फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया। सुनील दत्त एक मशहूर फिल्म अभिनेता थे। उनके तीन बच्चे हुए, संजय, नम्रता और प्रिया। वर्तमान में संजय दत्त फिल्म कलाकार है तथा प्रिया दत्त राजनीति से जुड़ी है।
60 के दशक में वह फिल्मों में यदा-कदा फिर नजर आई। इस काल की कुछ फिल्मों में एक थी ‘रात और दिन’ (1967), जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए नेशनल फिल्म फेयर अवार्ड प्राप्त हुआ।
3 मई, 1981 को 52 वर्ष की उम्र में पैंक्रियाटिक कैंसर से नरगिस का देहांत हो गया। उनकी याद में नरगिस दत्त मेमोरियल कैंसर फाउंडेशन की स्थापना हुई।
नरगिस के आखिरी दिन यानी 3 मई 1981 की सुबह याद करते हुए उनकी बेटी नम्रता ने बताया कि पापा साईं बाबा के मंदिर गए थे और शाम को लौटे थे। ‘मैं और प्रिया अस्पताल में ही थे। जब पापा आए तो उन्होंने हम दोनों को घर जाने के लिए बोला। हम घर पहुंचने ही वाले थे कि कॉल आया कि वापस आओ। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल वापस पहुंचते ही पता चला कि मां अब नहीं रहीं।
बता दें नरगिस की मृत्यु के चार दिन बाद यानी 7 मई, 1981 के दिन संजय दत्त की डेब्यू मूवी ‘रॉकी’ रिलीज हुई थी। प्रीमियर के दिन थिएटर में नरगिस की याद में एक व्हील चेयर रखी गई थी, जिसके एक किनारे सुनील दत्त और एक किनारे संजय दत्त बैठे थे।
संजय दत्त ने इंस्टाग्राम पर तस्वीरों का कोलाज शेयर करते हुए लिखा, “एक भी पल ऐसा नहीं जाता जब मैं तुम्हें याद नहीं करता हूं. मां, तुम मेरे जीवन का आधार और मेरी आत्मा की शक्ति थीं। काश मेरी पत्नी और बच्चे आपसे मिले होते, ताकि आप उन्हें अपना सारा प्यार और आशीर्वाद दे सकतीं। मुझे आज और हर दिन तुम्हारी याद आती है!”