कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रसार निदेशालय में सोमवार को तीन दिवसीय प्रगतिशील कृषकों एवं कार्मिकों का डेयरी प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि निदेशक प्रसार/ समन्वयक डॉ. ए.के. सिंह उपस्थित रहे। उन्होंने पशुपालन का महत्व एवं आय जनित पशुपालन पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि डेयरी फार्मिंग एकल विपणन सहकारी के साथ भारत का सबसे बड़ा आत्मनिर्भर उद्योग और इसका सबसे बड़ा ग्रामीण रोजगार प्रदाता है। उन्होंने प्रगतिशील किसानों को संबोधित करते हुए कहा डेयरी फार्मिंग से आप आत्मनिर्भर बन बेरोजगारों को रोजगार भी प्रदान करेंगे।
इस अवसर पर डॉक्टर पी के राठी सह निदेशक प्रसार ने सहकारी डेरी के क्रियान्वयन हेतु स्वयं सहायता समूह के गठन विषय पर चर्चा की। सोहन लाल वर्मा ने पशुओं में चारा द्वारा प्रबंधन विषयक जानकारी दी। गृह विज्ञान महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ पीके उपाध्याय ने कृषकों को डेरी स्थापना पर चर्चा करते हुए विस्तार से जानकारी दी है। कार्यक्रम का संचालन सोहन लाल वर्मा वैज्ञानिक पशुपालन द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम सहकारी डेरी प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान वाराणसी द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर सह निदेशक प्रसार डॉ. सुभाष चंद्रा, डॉ. अनिल सिंह सहित 50 से अधिक लोग उपस्थित रहे।