नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नीट टेस्ट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस) के नतीजों से रोक हटा दी है। सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद कभी भी नीट रिजल्ट घोषित हो सकते हैं। हालांकि ये परिणाम कब जारी होंगे, यह अभी तय नहीं है। शीर्ष अदालत ने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा 20 अक्टूबर को दिए गए उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें उसने एनटीए को नीट के दो छात्रों का री-एग्जाम कराने के बाद ही रिजल्ट घोषित करने के निर्देश दिए थे। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने भी कुछ दिनों पहले नीट नतीजों पर रोक लगा दी थी। इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, जिस पर कोर्ट ने मदुरै बैंच के आदेश को पलटते हुए रिजल्ट जारी करने को कहा है।
केंद्र ने याचिका में कहा था कि 12 सितंबर को हुई नीट परीक्षा 16 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों के लिए आयोजित की गई थी। बॉम्बे हाईकोर्ट के दो परीक्षार्थियों के लिए अलग से परीक्षा आयोजित करने वाले आदेश से रिजल्ट की घोषणा में देरी होगी और एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, बीएचएमएस, और बीयूएमएस सहित यूजी मेडिकल कोर्सेज की एडमिशन प्रक्रिया में देरी होगी।याचिका में केंद्र ने यह भी कहा था कि री-एग्जाम की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं के बयानों में विसंगतियां हैं और बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला भविष्य में उम्मीदवारों के लिए गलत मिसाल कायम करेगा और इस तरह की घटना से उम्मीदवार अनुचित लाभ उठाया करेंगे।
बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश सोलापुर जिले के उन दो विद्यार्थियों की याचिकाओं पर आया था उन्होंने शिकायत की थी कि निरीक्षक की असावधानी के कारण उन्हें एग्जाम के दौरान बेमेल टेक्स्ट बुकलेट और आंसर शीट मिले। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन्हें दी गई टेस्ट बुकलेट और आंसर बुकलेट मैच नहीं कर रही थी। जब उम्मीदवारों ने तुरंत निरीक्षकों को इस बात की जानकारी दी तो उनकी नहीं सुनी गई और चुप करा दिया गया। इसके बाद कोर्ट ने एनटीए को याचिकाकर्ताओं वैष्णवी भोपाले और अभिषेक कापसे के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करने और दो सप्ताह में उनके परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया।