Breaking News

आईएनएस राजपूत हुआ कार्यमुक्त, 04 मई 1980 को किया गया था नौसेना में कमीशन

विशाखापत्तनम। भारतीय नौसेना के पहले विध्वंसक जहाज़ आईएनएस राजपूत को शुक्रवार को 41 गौरवशाली वर्षों तक राष्ट्र की सेवा करने के बाद विशाखापत्तनम के नौसेना डॉकयार्ड में कार्यमुक्त कर दिया गया। इस जहाज़ को मुख्य अतिथि वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह, एवीएसएम, वीएसएम, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, ईस्टर्न नेवल कमांड की उपस्थिति में कोरोना महामारी को देखते हुए एक सादे समारोह में राष्ट्रीय ध्वज, नेवल इनसाइन और डीकमीशनिंग पैनेंट को सूर्यास्त के समय झुकाकर कार्यमुक्त कर दिया गया। जहाज द्वारा राष्ट्र को प्रदान की गई अभूतपूर्व सेवा की स्मृति में इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा एक विशेष डाक कवर जारी किया गया।

आईएनएस राजपूत को दिनांक 04 मई 1980 को पॉटी, जॉर्जिया (तत्कालीन यूएसएसआर) में कैप्टन (बाद में वाइस एडमिरल) गुलाब मोहनलाल हीरानंदानी के साथ भारतीय नौसेना के राजपूत क्लास विध्वंसक के प्रमुख जहाज के रूप में कमीशन किया गया था। अपनी सेवा के दौरान जहाज को पश्चिमी और पूर्वी दोनों बेड़ों का हिस्सा बनने का गौरव प्राप्त हुआ। यह पोत जून 1988 तक मुंबई में स्थित था एवं तत्पश्चात पूर्वी बेड़े के भाग के तौर पर नये सिरे से विशाखापत्तनम भेजा गया।

एक शूरवीर सी भाव भंगिमा से लैस यह जहाज़ हथियारों और सेंसरों की श्रृंखला से सुसज्जित था जिसमें सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, विमान रोधी बंदूकें, टारपीडो और पनडुब्बी रोधी रॉकेट लांचर शामिल थे। आईएनएस राजपूत सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल व लंबी दूरी की ब्रह्मोस मिसाइल को दागने की क्षमता वाला पहला पोत भी था। वह भारतीय सेना की रेजिमेंट ‘राजपूत रेजिमेंट’ से संबद्ध होने वाला भारतीय नौसेना का पहला जहाज भी था। ऑपेरशन पवन, ऑपरेशन अमन, ऑपरेशन कैक्टस और विभिन्न बहुराष्ट्रीय अभ्यासों जैसे विभिन्न नौसैनिक अभियानों में भाग लेने के अलावा, यह पोत विभिन्न राहत अभियानों में हिस्सा लेने वाला भारतीय नौसेना का ध्वजवाहक था जिसमें 1999 में ओडिशा तट पर चक्रवात राहत अभियान, 2004 में अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में सुनामी के बाद राहत अभियान और जकार्ता में भूकंप के बाद मानवीय सहायता तथा आपदा राहत (एचएडीआर) मिशन शामिल हैं। राष्ट्र के लिए अपनी शानदार सेवा में जहाज की कमान 31 कमांडिंग अधिकारियों ने संभाली। इसके कमीशन होने के बाद से जहाज ने 7,87,194 नॉटिकल मील से अधिक की दूरी तय की है जो विश्व भर को 36.5 बार जल भ्रमण करने के बराबर है तथा पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी 3.8 गुना है।

कार्यमुक्त किए जाने के समारोह में पूर्वी बेड़े तथा पूर्वी नौसेना कमान के अन्य संगठनों के बहुत कम अधिकारियों और नाविकों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए भाग लिया। इस घटना का एक बड़े दर्शक वर्ग, मसलन सेवारत कर्मी, पूर्व नौसैनिक एवं अन्य स्थानों पर मौजूद चालक दल के भूतपूर्व सदस्य जिन्होंने पोत पर अपनी सेवाएं दी थीं- के लिए इंटरनेट एवं नौसेना के इंट्रानेट पर सीधा प्रसारण किया गया था। इस अवसर पर वाइस एडमिरल अतुल कुमार जैन, चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ टू द चेयरमैन चीफ्स ऑफ स्टाफ कमिटी, पूर्व कमांडिंग अधिकारी तथा कमीशनिंग क्रू के अधिकारी एवं नाविक शामिल थे।

About rionews24

Check Also

स्वस्थ समाज के लिए मानसिक विकारों से छुटकारा जरूरी है : डॉ अमरीन 

कानपुर। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कानपुर प्रेस क्लब में एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सल …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *