कानपुर। आईआईटी कानपुर में प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए प्रेरक व्याख्यान की श्रृंखला में, बुधवार को अतिथि वक्ता चौधरी भूपेंद्र सिंह, कैबिनेट मंत्री पंचायती राज, उत्तर प्रदेश थे। आईआईटी कानपुर में एनसीसी के ऑफिसर-इंचार्ज कर्नल अशोक मोर ने अतिथि वक्ता चौधरी भूपेंद्र सिंह, का स्वागत किया और छात्रों को उनके बारे में परिचय दिया।
चौधरी भूपेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “मेरे प्यारे छात्रों, हम देश में एक बड़ी महामारी और कठिन समय का सामना कर रहे हैं। सरकार समय की जरूरत को पूरा करने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। पंचायती राज मंत्री होने के नाते मेरी एक बड़ी जिम्मेदारी है कि संसाधन अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। स्वच्छ भारत अभियान की परियोजना के तहत हमने उत्तर प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र में खुले में शौच के बारे में लोगों को जागरूक किया और 2 करोड़ 50 लाख शौचालयों के निर्माण के लिए संसाधन उपलब्ध कराए और उत्तर प्रदेश के 75 जिलों को खुले में शौच से मुक्त किया।
चौधरी भूपेंद्र सिंह ने छात्रों को भारत में पंचायती राज के इतिहास और लोकतंत्र में पंचायत की भूमिका से संबंधित राज्य के नवीनतम विकास के बारे, ई-ग्राम स्वराज का डिजिटलीकरण, ग्राम प्रधान की भूमिका, गांवों में पंचायतों के लिए मिनी सचिवालय का निर्माण आदि से भी अवगत कराया। । उन्होंने कहा कि, आने वाले समय में 25 विभाग पंचायतों के अंतर्गत आएंगे और वर्तमान में 9 विभागों को शामिल किया गया है और अन्य को धीरे-धीरे किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि, ई-ग्राम स्वराज के E@ पोर्टल पर पंचायत परियोजनाओं और लाभार्थियों को दिए जाने आर्थिक लाभ के सीधे हस्तांतरण की भी निगरानी की जा रही है। आशा कार्यकर्ता, ग्राम सेवक, लेखपाल और स्वास्थ्य विभाग के लोगों के साथ सरपंच के नेतृत्व में निगरानी समिति का गठन किया गया है। इस महामारी के समय में गांवों में निगरानी समिति घर-घर जाकर स्क्रीनिंग, आइसोलेशन से संबंधित जरूरत और कोविड रोगियों के उपचार और अन्य संबंधित लक्षणों के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
आई आई टी कानपुर के छात्र सिद्धार्थ गोविल ने मंत्री से पूछा कि हमें नागरिकों के अधिकारों के बारे में तो पढ़ाया जाता है लेकिन, हम नागरिकों के कर्तव्यों के बारे में कभी बात नहीं करते हैं, इस बारे में आपका क्या कहना है।
चौधरी भूपेंद्र सिंह ने सवाल का स्वागत किया और इतनी कम उम्र में सिद्धार्थ गोविल के दृष्टिकोण की सराहना की। मंत्री ने अपने सवाल के जवाब में कहा कि, हां देश के तेजी से और व्यवस्थित विकास के लिए लोगों को राष्ट्र और समाज के प्रति आज की दुनिया में नागरिकों को उनकी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है। हमें नागरिकों के रूप में एक व्यक्ति के अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों के बारे में अपनी मानसिकता बदलनी होगी। राष्ट्र सिर्फ मेरा हक की अवधारणा से विकसित नहीं होता है। हमें बेहतर कल के लिए नारे में मेरी जिम्मेदारी को भी जोड़ना होगा। अंत में उन्होंने सभी को बधाई दी और आज के युवाओं को सभी के लाभ के लिए देश का जिम्मेदार नागरिक बनने को कहा।