कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के पादप रोग विज्ञान विभाग के मशरूम शोध एवं विकास केंद्र में चल रहे छह दिवसीय (22 अगस्त से 27 अगस्त 2022 तक) मशरूम प्रशिक्षण का समापन हुआ। इस प्रशिक्षण के समापन अवसर पर डॉ. एस.के. विश्वास ने बताया कि मशरूम के पोषणीय महत्व के अलावा मशरूम का उत्पादन एक बहुत ही लाभकारी उद्यम है। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि मशरूम उत्पादन हेतु न्यूनतम भूमि आकार की आवश्यकता होती है। मशरूम जैविक खाद का एक मूल्यवान स्रोत है।जो बागवानी फसल उत्पादन में उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि मशरूम की खेती विविधता को स्थिरता प्रदान करने और आय बढ़ाने की दृष्टि से लाभकारी है।
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि मशरूम एक पौष्टिक, स्वास्थ्यवर्धक एवं औषधीय गुणों से युक्त रोग रोधक सुपाच्य खाद्य पदार्थ है। उन्होंने कहा कि मशरूम में उपस्थित पोषक तत्व मानव शरीर के निर्माण,पुनः निर्माण एवं वृद्धि के लिए आवश्यक है। डॉ विश्वास ने उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि मशरूम की खेती कर उद्यम अपना कर आत्मनिर्भर बने। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मशरूम की खेती कर महिलाएं,बेरोजगार युवक-युवतियों, प्रवासी श्रमिकों के लिए बेरोजगारी दूर करने के लिए उत्तम साधन है।
डॉ. एस.के. विश्वास ने छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पर हुए विभिन्न व्याख्यानो एवं प्रयोगात्मक प्रशिक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी।विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. खलील खान ने बताया कि इस प्रशिक्षण में अध्यापक, छात्र, उद्यमी एवं किसानों सहित लगभग 62 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। अंत में सभी प्रतिभागियों द्वारा परिसर में पौधरोपण भी किए गए तथा सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।