कानपुर। आईआईटी कानपुर के सहायक कुलसचिव सुरजीत दास ने सोमवार रात परिसर में ही स्थित अपने आवास पर फांसी लगाकर जान दे दी। सुबह पत्नी कमरे में पहुंची तो शव पंखे के सहारे लटका मिला। मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। पत्नी ने पुलिस को बताया कि छोटे बेटे को कोरोना हो गया था। इसको लेकर वह ड्रिपेशन में थे। बुधवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से सो नहीं पा रहे थे। वैसे वह पहले से ही डिप्रेशन का शिकार थे। 2011 में दिल्ली के एक डॉक्टर का इलाज चल रहा था।
मूलरूप से असम के रहने वाले सुरजीत दास 2015 से आईआईटी में सहायक कुलसचिव थे। परिवार में उनकी पत्नी बुलबुल और दो बेटे सौम्यजीत व शोभित हैं। आईआईटी परिसर स्थित टाइप-3 में परिवार समेत रहते थे। पत्नी के मुताबिक छोटे बेटे सौम्यजीत को बुखार आ रहा था। कोरोना जांच कराई तो बुधवार पांच मई को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। आईआईटी ने व्यवस्था के तहत उनके घर के पास नोटिस चस्पा करवा दिया था। इससे सुरजीत दास परेशान हो गए। रात सुरजीत दास पहली मंजिल पर सोने चले गए और पत्नी बच्चे के साथ नीचे की मंजिल में थी। सुबह काफी देर तक जब बाहर नहीं आए तो करीब नौ बजे पत्नी बुलबुल कमरे में गई। देखा कि चादर के फंदे से सुरजीत का शव लटक रहा था। उन्होंने तुरंत पुलिस और आईआईटी प्रशासन को जानकारी दी।
एसीपी कल्याणपुर दिनेश कुमार शुक्ला ने बताया कि छानबीन जारी है। अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। फोन की जांच की जा रही है। परिजनों ने बताया कि सुरजीत कई वर्षों से डिप्रेशन में थे। जांच में कोई अहम तथ्य मिलता है तो उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी। शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।