मोनिका वर्मा
हिंदू धर्म में करवा चौथ का विशेष महत्व है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, वैवाहिक जीवन और सुख-समृद्धि के लिए के लिए व्रत रखती हैं। व्रती महिलाएं रात को चांद दर्शन और पूजा के बाद व्रत तोड़ती हैं। मान्यता है कि चंद्र दर्शन और चांद को अर्घ्य देने से पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस वर्ष 24 अक्टूबर, रविवार को होने वाले करवा चौथ व्रत की खास बात यह है कि इस रोहिणी नक्षत्र में पूजन किया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा संयोग पांच साल बाद बन रहा है। रविवार का दिन होने के कारण व्रती महिलाओं को सूर्य देव का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा।
शुभ मुहूर्त
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 अक्टूबर 2021, रविवार को सुबह 3 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी। यह अगले दिन 25 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। इस दिन चांद निकलने का समय 08 बजकर 11 मिनट है। करवा चौथ पूजन का शुभ समय शाम 06 बजकर 55 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक रहेगा।
करवा चौथ व्रत पालन के नियम
करवा चौथ व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन लाल या पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए। इस दोनों को शुभ माना जाता है। इस दिन शादी का जोड़ा पहनना भी अच्छा होता है। महिलाओं को सुबह उठकर करवा चौथ के दिन बड़े-बुजुर्गों और पति के पैर अवश्य छूने चाहिए। करवा चौथ की कथा अवश्य पढ़ना या सुनना चाहिए। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करें। इस दिन पति के नाम का दीपक जलाना शुभ होता है। करवा चौथ के दिन सास की ओर से दी गई सरगी को ग्रहण करना चाहिए। गेहूं अथवा चावल के दानें हाथ में लेकर कथा सुननी चाहिए।
करवा चौथ व्रत के दिन महिलाओं को सफेद या काले रंग के वस्त्र नहीं पहनना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में इन रंगों को अशुभ माना जाता है। महिलाओं को अपने श्रृंगार का सामान किसी को दान में न तो दान में देना चाहिए और न ही किसी से दान में लेना चाहिए। सुई-धागा, कढ़ाई-सिलाई आदि से बचना चाहिए। व्रती महिलाओं को इस दिन दोपहर में सोना नहीं चाहिए। करवा चौथ के दिन घर में झगड़ा करने से भी बचना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में मुश्किलें आती हैं।