कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डी.आर.सिंह द्वारा वैज्ञानिकों को जारी निर्देश के क्रम में बुधवार को दलीप नगर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र की गृह वैज्ञानिक डॉक्टर निमिषा अवस्थी ने बताया कि कोरोना के इस घातक वेव ने सभी को प्राणवायु यानी ऑक्सीजन की कीमत बता दी है। डॉक्टर अवस्थी ने बताया कि अगर आप अपने घर एक पौधा लगते हैं तो उसका उत्पाद तो मिलता ही है, शुद्ध वायु मुफ्त में मिलती है। उन्होंने कहा कि इम्यूनिटी बढ़ाने वाला खाना- पीना इस वक्त अच्छा है।
साग-सब्जियों का हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि ये विटामिन, खनिज लवण, कार्बोहाइड्रेट, वसा व प्रोटीन के अच्छे स्रोत होते हैं। इसलिए आप अपने घर के आंगन में, घर की छत पर या आपके पास कोई खाली जमीन है तो आप आसानी से सब्जी बगीचा (किचन गार्डन) बना सकते हैं। इससे आपको शुद्ध सब्जियां भोजन शास्त्रियों एवं वैज्ञानिकों के अनुसार संतुलित भोजन के लिये एक वयस्क व्यक्ति को प्रतिदिन 85 ग्राम फल एवं 300 ग्राम सब्जियों का सेवन करना चाहिए। जिसमें लगभग 125 ग्राम हरी पत्तेदार सब्जियां, 100 ग्राम जड़ वाली सब्जियां और 75 ग्राम अन्य प्रकार की सब्जियों का सेवन करना चाहिये। परन्तु वर्तमान मे इनकी उपलब्धता मात्र 190 ग्राम है। उन्होंने बताया कि नगरीय क्षेत्रों में छत में यह ऐसी कोई उपलब्ध खुली जगह जहां पर्याप्त मात्रा में धूप आती हो, गमलों में प्लास्टिक शीट, घर की पुरानी प्लास्टिक की बालटियों, ड्रम, टब इत्यादि में मिट्टी व आवश्यक उर्वरक इत्यादि का मिश्रण भरकर सब्जी ऊगा सकते हैं। इससे एक तो ताज़ी सब्जियां मिलेंगी और घर में हरियाली मन को प्रसन्नता की अनुभूति कराएगी। साथ ही घर में स्वस्थ्य एवं शुद्ध प्राण वायु का भी संचार होगा।
रबी, खरीफ और जायद के मौसम में घर में इस प्रकार सब्जियों को लगा सकते हैं
रबी के मौसम की सब्जियां सितम्बर-अक्टूबर में लगा सकते है जैसे- फूल गोभी, पत्ता गोभी, शलजम, बैंगन, मूली, गाजर, टमाटर, मटर, सरसों, प्याज, लहसुन, पालक, मेथी, आदि।
खरीफ़ में सब्ज़ियाँ लगाने का समय जून-जुलाई है। इस समय भिंडी, मिर्च, लोबिया, अरबी, टमाटर, करेला, लौकी, तरोई, शकरकंद आदि सब्जियों को लगा सकते है।
जायद में सब्जियां फरवरी-मार्च और अप्रैल में लगाई जाती है. इसमें टिंडा, खरबूजा, तरबूज, खीरा, ककड़ी, टेगसी, करेला, लौकी, तरोई, भिन्डी जैसी सब्जी लगा सकते है।
बीज कहां से लें
सब्जियों के बीज किसी सरकारी या अधिकृत संस्था से ही लें। कानपूर में रहने वाले लोग चंद्र शेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय से भी ले सकते हैं।
वातावरण को शुद्ध करने वाले कुछ पौधे जो की आप अपने घर के अंदर लगा सकते हैं
हवा को फिल्टर करने वाले पौधे जहरीली गैसों को कम करने के लिए कुछ पौधे बेहद काम आ सकते हैं। इन पौधों को एयर फिल्टरिंग प्लांट भी कहा जाता है। खुजली, जलन, लगातार जुकाम, एलर्जी और आंखों में जलन से बचाव में ये पौधे आपकी सहायता करेंगे।
ऐरेका पाम, एक ऐसा पौधा है जो कार्बन डाइऑक्साइड को ऑक्सीजन में बदल देता है। हर व्यक्ति के लिए इस तरह के एक पौधे की जरूरत होती है जिसकी ऊंचाई कंधे के बराबर होनी चाहिेए। इस पौधे की देखभाल के लिए पत्तियों को हर रोज साफ करना जरूरी है। इसके अलावा हर तीन-चार महीने में इनको बाहर रखने की भी जरूरत पड़ती है। हवा को फिल्टर कर उसे शुद्ध बनाने में ये पौधा सहायक है। नम मिट्टी का प्रयोग करें और सतह के थोड़े नीचे मिट्टी के सूखते ही पौधे को पानी दें।
मनी प्लांट, एक बेल है। इसकी एक पत्ती का आकार 7 से 10 सेंटीमीटर तक लंबा होता है। यह पौधा अधिकतर भारतीय घरों में आसानी से मिल जाता है। इसकी खास बात है कि यह पौधा बहुत कम रोशनी में भी जिंदा रह सकता है और इसे किसी खाली बोतल में भी उगाया ज सकता है। इस पौधे में वायु में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करने की क्षमता होती है और यह ऑक्सीजन बाहर निकालता है। मनी प्लांट हवा में सीओ2 कम कर हमारे सांस लेने के लिए शुद्ध ऑक्सीजन देता है।
एलोवेरा में कई सारे औषधीय गुण होते हैं। इस पौधे को उगाने के लिए पानी की जरूरत भी कम होती है। इसके पत्ते काफी मोटे और मजबूत होते हैं। पत्ते के अंदरूनी भाग को काटने पर एक तरह का रस इंग्लिश आइवरी निकलता है। इस रस से का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों के इलाज में होता है। इसके अलावा ख़ास बात है कि इस पौधे को आसानी से घर में लगा सकते हैं जो हवा को शुद्ध रखता है
स्नेक प्लांट, इसे हिंदी में नाग पौधा कहा जा सकता है। इस पौधे को बढ़ने के लिए बहुत कम धूप की जरूरत होती है। इसके अलावा पानी की भी जरूरत ज्यादा नहीं होती। हवा को फिल्टर करने वाले इस पौधे को आप आसानी से अपने कमरे या ऑफिस केबिन में एक कोने में उगा सकते हैं।
पाइन प्लांट, घर की हवा को शुद्ध बनाने के लिए देवदार का पौधा काफी मशहूर है। इस पौधे की पत्तियां छोटी-छोटी होती हैं।इसे बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती। लेकिन समय-समय पर इसकी काट-छांट करने की जरूरत होती है
पीस लिली, घरों में प्रयोग होने वाला एक आम पौधा है, जो हर तरह की हानिकारक गैसों को खत्म करता है. यह धूल को भी समाप्त करता है और घर की हवा को शुद्ध रखता है। कम रोशनी वाली जगहों के लिए यह पौधा सबसे ज्यादा उपयुक्त है। वातावरण में मौजूद सभी जहरीली गैसों को खत्म कर यह पौधा शुद्ध हवा देने में हमारी मदद करता है।
मदन-इन-लॉ टंग, यह एक ऐसा पौधा है जो किसी भी परिस्थिति में फलता-फूलता है। यह काफी मजबूत होता है। खास बात यह है कि यह रात में ऑक्सीजन तो छोड़ता ही है बल्कि कई अन्य तरह की हानिकारक गैसों को भी खत्म करता है। इस पौधे की ऊंचाई कमर की जितनी होनी चाहिए। इसे सूर्य की अप्रत्यक्ष रोशनी में रखें और ज्यादा पानी न दें।
तुलसी, आपको याद होगा कि दादी और नानी आंगन में कितने सारे पौधे लगाती थीं जिनमें एक का नाम आपको अभी तक याद होगा वह है तुलसी। विज्ञान भी मानता है कि तुलसी में सैकड़ों फायदेमंद गुण होते हैं और यह एक सबसे बेहतरीन एयर प्यूरीफायर इनडोर प्लांट है इसे अधिक जगह की आवश्यकता नहीं होती और यह बेहद ही सस्ता है।