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आईआईटी कानपुर ने पूर्व छात्र के सहयोग से डाली ग्रामीण उत्थान की नींव

कानपुर। आईआईटी में रंजीत सिंह रोज़ी शिक्षा केंद्र का उदघाटन किया गया, जो संस्थान का महत्वपूर्ण ग्रामीण आउटरिच कार्यक्रम है। आईआईटी कानपुर के इस केंद्र के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं पर कार्य करेगा। ज्ञात हो कि डॉ. रंजीत  सिंह जो संस्थान के प्रथम बैच के छात्र थे, ने दो वर्ष पहले एक ग्रामीण विकास के लिए केंद्र बनाने की रुचि जाहिर की थी, जिसको लेकर आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर और डीन, रिसोर्स एण्ड एलुमनाई प्रो. जयंत सिंह के नेतृत्व में, प्रोफेसर संदीप संगल और टीम ने मिलकर इस केंद्र की रूपरेखा बनाई। इसके लिए रंजीत सिंह जी ने 14 करोड़ की धनराशी संस्थान को प्रदान की। 

रंजीत सिंह की मृत्यु की उपरांत उनकी पत्नी मारथा करीनों केंद्र को मार्गदर्शन और सपोर्ट देने के लिए आगे आई है, और गुरुवार को उनके द्वारा रंजीत सिंह रोजी शिक्षा केंद्र का उद्घाटन किया गया। उनके साथ कई पूर्व छात्र भी ज़ूम पर उपस्थित होकर उदघाटन समारोह मे शामिल हुये, उनमे से मुख्य कैलिफोर्निया से अभय भूषण थे। उन्होने कहा कि आईआईटी ने अपने पूर्व छात्र के सहयोग से यह एक बहुत ही सकारात्मक कदम उठाया है। निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा कि इस केंद्र द्वारा ग्रामीण विकास के ऐसे नए मॉडल बनाए जाएंगे जिसे अन्य स्थानो मे भी अपनाया जा सके। उन्होने कहा कि रंजीत  सिंह का जीवन ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो बहुत पिछड़े गाँव मे गरीबी मे पढ़ा, और आईआईटी कानपुर मे शिक्षा पाकर कड़ी मेहनत करके अमरीका और फिर दुनिया भर मे अपना परचम फहराया। उनके शोध पर आधारित डायमंड एसन्स कंपनी ने बहुत व्यवसायिक सफलता पाई, किन्तु रंजीत हर वक्त अपने भारत के गाँव वालों के उत्थान के लिए सोचते रहे और फिर ऐसे केंद्र की कल्पना की जिससे गाँव वालों का शिक्षा और कौशल के द्वारा सशक्तिकरण हो सके। मारथा ने कहा कि, रंजीत हर वक्त ही भारत के उन लोगो के लिए सोचते थे जिन तक मूलभूत सुविधाएं नही है, और उनके बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते है।  

प्रोफेसर संदीप संगल ने केंद्र के कार्य कलाप का विवरण दिया और बताया की ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा का कार्यक्रम बिठूर के दो स्कूल (राम जानकी इंटर कॉलेज और राजकीय हाई स्कूल बैकुंठपुर) से शुरू किया जा रहा है। आईआईटी के छात्र schooglink app के जरिये कक्षा 9 और 10 के बच्चों को स्कूल के बाद पढ़ाएंगे। इसके साथ ही नाबार्ड के सहयोग से आस पास के एक दर्जन गांव में सिलाई मशीन ऑपरेटर का कोर्स चलाया जा रहा है, जिसका प्रैक्टिकल आईआईटी कानपुर में प्रथम संस्था द्वारा आईआईटी के ट्रेनिंग हाल मे होता है। केंद्र की संचालिका रीता सिंह ने बताया कि ट्रेनिंग कोर्स करके सभी ट्रैनीस उद्योगों में दो माह की इनटर्नशिप करते है। ग्लोबल एक्सपोर्ट, और महावीर टेक्सटाइल द्वारा ट्रैनीस को अच्छे ऑफर भी मिल रहे हैं। डीन जयंत सिंह ने कहा इस केंद्र द्वारा शिक्षा और कौशल पर किए जा रहे काम का प्रभाव आने वाले समय मे दिखेगा। उद्घाटन में प्रोफेसर सुधांशु शेखर सिंह, प्रोफेसर गणेश, प्रोफेसर शिखर झा, डॉ. संदीप पाटिल और रमन यादव उपस्थित थे।

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