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गणतंत्र दिवस परेड में थलसेना के मार्चिग दस्तों में दिखेगा वर्दी और राइफलों का बदलाव

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस में परेड के लिए अलग-अलग राज्यों और मंत्रालयों के साथ भारतीय सेना के तीनों अंगों ने तैयारियां पूरी कर ली है। मेजर जनरल आलोक कक्कड़ ने रविवार को बताया कि इस साल की गणतंत्र दिवस परेड में थल सेना के मार्चिंग दस्ते यह प्रदर्शित करेंगे कि पिछले दशकों के दौरान सेना की वर्दी और राइफलों में किस तरह विकास हुआ है। उन्होंने बताया कि इस साल की परेड में थल सेना के कुल छह मार्चिंग दस्ते हिस्सा लेंगे। कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए हर दस्ते में इस बार 144 के बजाय 96 सैनिक होंगे।
सेना का पहला दस्ता राजपूत रेजीमेंट के सैनिकों का होगा। जो छठे दशक की वर्दी पहने होंगे और उनके हाथों में .303 राइफलें होंगी। दूसरा दस्ता असम राइफल्स के सैनिकों का होगा। वे सातवें दशक की वर्दी पहने होंगे और उनके हाथों में भी .303 राइफलें होंगी। तीसरा दस्ता जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंट के सैनिकों का होगा। वे आठवें दशक की वर्दी पहने होंगे और उनके हाथों में 7.62 मिमी की स्वचालित राइफलें होंगी। चौथा और पांचवां दस्ता क्रमश: सिख लाइट इन्फेंट्री और आर्मी ऑर्डिनेंस कोर रेजिमेंट के सैनिकों का होगा। वे थल सेना की वर्तमान वर्दी पहने होंगे और उनके हाथों में 5.56 मिमी की इंसास राइफलें होंगी। छठा दस्ता पैराशूट रेजीमेंट के सैनिकों का होगा। वे इसी महीने लांच की गई नई वर्दी पहने होंगे और उनके हाथों में टेवोर राइफलें होंगी।

मेजर कक्कड़ ने बताया कि कुल 14 मार्चिंग दल होंगे। सेना के छह, नौसेना का एक, वायु सेना का एक, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के चार, राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के दो, दिल्ली पुलिस का एक और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) से एक।
आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित इस बार की गणतंत्र दिवस परेड में 75 लड़ाकू विमान राजपथ पर उड़ान भरते हुए देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरा होने के जश्न को यादगार बनाएंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, वायुसेना के सबसे आधुनिक विमान राफेल भी इस फ्लाई पास्ट का हिस्सा होंगे। सुखोई, मिग और जगुआर के साथ साथ 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले डोर्नियर और डकोटा विमान भी गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होंगे।

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