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डेयरी फार्मिंग एवं पशुधन प्रबंधन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण हुआ संपन्न

फतेहपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, थरियांव में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अटारी, कानपुर के द्वारा वित्त पोषित  क्षमता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत डेयरी फार्मिंग एवं पशुधन प्रबंधन विषय पर तीन दिवसीय कार्यक्रम संपन्न हुआ। समापन सत्र में, समन्वयक प्रसार निदेशालय चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय डॉक्टर ए. के. सिंह एवं मानवेंद्र सिंह संपत्ति एवं प्रशासनिक अधिकारी दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। अपने उद्बोधन में अध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र डॉक्टर ए. के. सिंह ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए आग्रह किया कि तीन दिवसीय प्रशिक्षण में बताई गई बातों को ध्यान में रखते हुए डेयरी फार्मिंग व्यवसाय को शुरू करें एवं स्थानीय पशु को कृत्रिम गर्भाधान के द्वारा साहिवाल एवं गिर नस्ल की बछिया प्राप्त करें। जिससे क्रमोन्नति के साथ-साथ पशुपालकों की आय ही बढ़ेगी l मुख्य अतिथि मानवेंद्र सिंह जी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए अनुरोध किया कि प्रशिक्षण उपरांत अपने फार्म पर कुशल रूप से डेयरी फार्मिंग के साथ पशुधन उत्पाद का जैविक कृषि के लिए उपयोग करें। 

कार्यक्रम में कृषकों के लिए तैयार किए गए साहित्य डेयरी फार्मिंग पुस्तिका का विमोचन भी अतिथियों के द्वारा किया गया l कार्यक्रम संयोजक डॉक्टर देवेंद्र स्वरूप ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण में सफल डेयरी फार्मिंग के विभिन्न आयाम पोषण , प्रजनन प्रबंधन, स्वास्थ्य सुरक्षा तथा प्रबंधन पर एवं वर्ष भर हरा चारा उत्पादन हेतु तैयार मॉडल का विस्तृत चर्चा किया l डॉक्टर नौशाद आलम ने कम गोबर से अधिक खाद बनाने के लिए नाडेप एवं वर्मी कंपोस्ट तथा उपयोग उसकी उपयोगिता के बारे में चर्चा की। डॉ. साधना वैश्य ने दूध के पोषक तत्व एवं मूल संवर्धन पर विस्तृत रूप से बताया डॉक्टर जगदीश किशोर वैज्ञानिक ने घास एवं चारा में कीटनाशक के प्रयोग से होने वाली समस्याओं एवं  उससे बचाव के तरीके बताएं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने अधिक उत्पादन के लिए जनपद में उगाए जाने वाले प्रमुख चारा फसलों पर चर्चा किया एवं क्षेत्र में नेपियर के बढ़ते हुए मांग तथा प्रसार पर बल दिया l डॉ. अलका कटियार ने स्वच्छ दुग्ध उत्पादन तथा दूध से बनने वाले विभिन्न खाद्य पदार्थ के बारे में विस्तृत रूप से बताया। कार्यक्रम में विशेष रूप से आमंत्रित जनपद की प्रगतिशील एवं सम्मानित महिला पशुपालक प्रतिभा देवी ने पशुपालकों के पशुपालकों को अपने अनुभव बताते हुए अपनी सफलता कहानी बताई।कार्यक्रम में विमलेश निवासी कोर्रा सादात ने भी सफल पशुपालक के रूप में अपने अनुभव साझा किया तथा पशुओं के प्राथमिक चिकित्सा एवं घरेलू उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी दिया l विश्वविद्यालय से आए हुए अतिथियों के साथ केंद्र के सभी वैज्ञानिकों ने बीज उत्पादन कार्यक्रम एवं विभिन्न इकाइयों का अवलोकन किया तथा केंद्र पर हुए परिवर्तन का श्रेय कुशल नेतृत्व को दिया । कार्यक्रम के समापन में मुख्य अतिथि एवं समन्वयक प्रसार के द्वारा सभी प्रतिभागियों को डेयरी फार्मिंग की पुस्तिका एवं प्रमाण पत्र वितरित किए गए , कार्यक्रम के अंत में सहसंयोजक डॉक्टर जगदीश किशोर ने सभी का आभार व्यक्त किया एवं बताया कि दिनांक 21 फरवरी से केंद्र पर 7 दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है l कार्यक्रम में विशेष रूप से केंद्र के घनश्याम एवं शैलेंद्र बाजपेई कई किसान उपस्थित रहे।

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