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प्रधानमंत्री ने कोरोना के प्रबंधन में पंचायतों की भूमिका की सराहना की

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अब तक गांवों में कारोना के प्रसार को रोकने में पंचायतों की भूमिका की प्रशंसा भी की। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक साल पहले जब हम पंचायती राज दिवस पर मिले थे, तब पूरा देश कोरोना से मुकाबला कर रहा था। तब मैंने आपसे आग्रह किया था कि आप कोरोना को गांव में पहुंचने से रोकने में अपनी भूमिका निभाएं। आप सभी ने बड़ी कुशलता से, ना सिर्फ कोरोना को गांवों में पहुंचने से रोका, बल्कि गांव में जागरूकता पहुंचाने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई। इस वर्ष भी हमारे सामने जो चुनौती है, वो चुनौती पहले से जरा ज्यादा है कि गांवों तक इस संक्रमण को किसी भी हालत में पहुंचने नहीं देना है, उसे रोकना ही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार हमारे साथ वैक्सीन की ताकत भी है और मुझे विश्वास है कि गांव कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सबसे पहले विजयी होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई इस साल और भी कड़ी है क्योंकि देश में टीकाकरण का दुनिया का सबसे बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। टीकाकरण नीति में उदारता बरतते हुए पहली मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीके लगाने के सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए  प्रधानमंत्री ने देशवासियों से सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए स्वास्थ्य संबंधी सभी दिशानिर्देशों का पूरी तरह पालन करने की अपील की। उन्होंने बताया कि केंद्र ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत इस साल मई और जून के महीनों में 80 करोड़ से अधिक भारतीयों को मुफ्त राशन देने की मंजूरी दी है ताकि महामारी के प्रकोप के इस दौर में प्रत्येक भारतीय को पर्याप्त पौष्टिक आहार की गांरटी मिल सके। प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 से निपटने के लिए सभी पंचायतों से दवाई भी, कड़ाई भी के मंत्र का पालन करने का भी आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि ग्रामीण भारत महामारी को जबर्दस्त टक्कर देगा और बहुत जल्‍द इसके प्रकोप से उबरकर सामने आएगा।

ग्राम पंचायतों के महत्‍व का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश अपनी प्रत्येक नीति और प्रयासों में गांवों को केन्द्र में रखकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केन्द्र आधुनिक भारत के गांवों को पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाना चाहता है। प्रधानमंत्री ने 2021 के राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार भी प्रदान किए। ये पुरस्कार दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार, नानाजी देखमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा पुरस्कार और ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार जैसी विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत दिए गए। पुरस्कार के तहत दी जाने वाली पांच लाख से 50 लाख रुपए तक की राशि विजेता पंचायतों के बैंक खातों में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सीधे अंतरित की गई।

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