नई दिल्ली। विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन के अंतर्गत गुरुवार को मधु एवं मधुमक्खी पालन के अन्य उत्पादों के गुणवत्ता परीक्षण हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) में क्षेत्रीय मधु गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने की परियोजना का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि गांव-गरीब-किसानों के लिए भारत सरकार पूरी तरह से समर्पित है। उन्होंने कहा कि देश में शहद का उत्पादन व निर्यात बढ़ रहा है तथा अच्छी गुणवत्ता के शहद के लिए भी पूरे प्रयत्न हो रहे हैं। छोटे-मझौले किसान इस काम से जुड़े ताकि उनकी आमदनी बढ़े।
राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन व शहद मिशन (NBHM) में समग्र संवर्धन तथा वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन के विकास व ‘मीठी क्रांति’ का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए 300 करोड़ रू. की मंजूरी दी गई है। साथ ही, NBHM को आत्मनिर्भर भारत अभियान में केंद्र सरकार द्वारा 500 करोड़ रू. आवंटित किए गए है। इसमें राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB), आणंद में 5 करोड़ रू. की सहायता से विश्वस्तरीय स्टेट आफ द आर्ट हनी टेस्टिंग लैब स्थापित की जा चुकी है। इसके अलावा, दो अन्य क्षेत्रीय/ बड़ी शहद व मधुमक्खी पालन के अन्य उत्पादों की परीक्षण प्रयोगशालाएं आठ-आठ करोड़ रू. की राशि सहित मंजूर की गई हैं। इस क्षेत्र के विकास की दृष्टि से, 13 मिनी/ सैटेलाइट जिला स्तरीय शहद व मधुमक्खी पालन के अन्य उत्पादों की प्रयोगशालाएं तथा ऑनलाइन पंजीकरण एवं शहद व अन्य उत्पादों के ट्रेसिबिलिटी स्रोत के विकास से संबंधित तथा अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाएं भी स्वीकृत की गई है। शहद और अन्य मधुमक्खी उत्पादों के स्रोत का पता लगाने संबंधी ऑनलाइन पंजीकरण व ट्रेसिबिलिटी सिस्टम के लिए मधु क्रांति पोर्टल का शुभारंभ भी दो महीने पूर्व किया जा चुका है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक मधुमक्खीपालन को बढ़ावा देने के लिए अन्य प्रयासों के साथ-साथ मधुमक्खीपालकों के FPO बनाने की भी शुरूआत हो चुकी है।