कानपुर देहात। कोरोना काल ने बहुत से परिवारों से उनकी खुशियां छीन ली हैं। जिन घरों में किलकारियां गूंजती थीं, वहां अब बच्चे सिसक रहे हैं। ऐसे बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए सरकार ने कोशिश शुरू की है। जिन बच्चों ने कोरोना के चलते अपने माता-पिता को खोया है। उनकी पहचान करने की कवायद चल रही है। साथ ही ऐसे परिवार जहां माता-पिता दोनों कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं या फिर होम आइसोलेट हैं। उनके बच्चों की देखरेख की भी व्यवस्था की जाएगी।
जिला प्रोबेशन अधिकारी अभिषेक पाण्डेय ने स्वास्थ्य विभाग व जिला कार्यक्रम विभाग को पत्र जारी कर सहयोग मांगा है। सूची तैयार करने में नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र में बनाई गई निगरानी समितियों से मदद ली जा रही है। साथ ही प्रधानों की अध्यक्षता में गठित ग्राम बाल संरक्षण समितियों से जानकारी जुटाने की कोशिश है। अनाथ हुए बच्चों को चिन्हित करने में जिला प्रशासन ने सभी से सहयोग की अपेक्षा जताई है। शासन की तरफ से सूचना उपलब्ध कराने के लिए प्रारूप दिया गया है। इसी प्रारूप पर सूचना उपलब्ध करानी होगी। इसमें बच्चे का नाम, लिंग, उम्र, माता पिता का नाम, परिवार में अन्य अभिभावकों के नाम, बच्चों के पास उपलब्ध किसी ऐसे रिश्तेदार का नाम व नंबर जिससे बच्चे से संपर्क किया जा सके।
यदि इस बाबत कोई जानकारी है तो वह चाइल्ड लाइन के हेल्प लाइन नंबर 1081, महिला हेल्प लाइन नंबर-181 पर दे सकता है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के हेल्प लाइन नंबर पर 011-233478250 पर दी जा सकती है। साथ ही जिले के कोविड कंट्रोल रूम में ये सूचना उपलब्ध कराई जा सकती है।