कानपुर। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान जोन 3 कानपुर के तत्वाधान में उत्तर प्रदेश के सभी कृषि विज्ञान केंद्रों की तीन दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला गुरुवार को सम्पन्न हो गई। सभी 88 कृषि विज्ञान केंद्रों की विगत वर्ष की उपलब्धियों में 1,63,525 कृषक एवं ग्रामीण युवाओं तथा 15480 प्रसार कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया। इन केंद्रों के माध्यम से 25551 प्रथम पंक्ति प्रदर्शन खाद्यान फसलें दलहन, तिलहन एवं अन्य फसलों पर 583 तकनीकी परीक्षण 50618 मृदा परीक्षण की जांच 60 लाख किसानों तक एडवाइजरी विभिन्न माध्यम से किसानों को लाभान्वित किया गया। इन केंद्रों के माध्यम से 44700 कुंतल जिले विशेष के हिसाब से उच्च गुणवत्ता युक्त बीज एवं 23,16000 उच्च गुणवत्ता वाले पौधे सब्जी, फल, औषधि आदि तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराए गए। इसी क्रम में इन केंद्रों द्वारा सूचना संचार तकनीकी सभी केंद्रों पर उपलब्ध कराई गई है। ग्रामीण युवाओं को कृषि में आकर्षित करना( आर्या) परियोजना, 10 जिलों में जनजाति उप योजना (टीएसपी) जिन जनपदों में 25% से ज्यादा जनजाति आबादी है पिछड़े जिलों में विकास योजना, प्रधानमंत्री विकास योजना, स्वयं सहायता समूह बनाकर व एफ पी ओ गठन करके कृषि विकास योजना में राज्य के सहयोग से फार्म बाउंड्री, फ्लैशिंग फ्लोर इत्यादि पोषण वाटिका सभी परिवारों को वर्ष भर सब्जी फल उपलब्ध कराने के लिए नई कृषि प्रसार मेथाडोलॉजी में संस्थानों द्वारा किसानों का प्रदर्शन, फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मशीनें दी गई हैं। जिनके माध्यम से फसल अवशेष को भूमि में मिला दिया जाए।जिससे पर्यावरण संरक्षण होगा एवं भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। जिला मौसम विज्ञान इकाई, बदलते मौसम की सलाह,किसानों की आय दोगुनी करने में के मॉडल के साथ ही अन्य कार्यक्रम जैसे जल शक्ति अभियान द्वारा जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना,वर्षा जल संचयन,प्रसंस्करण इकाइयों जैसे फसल, सब्जी संरक्षण,आचार, मुरब्बा एवं अन्य उत्पाद का प्रसंस्करण एवं जैविक उत्पादन आदि योजनाओं का संचालन कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किया जा रहा है।इन सभी योजनाओं की प्रगति एवं आगामी रूपरेखा पर विस्तार से समीक्षा एवं मंथन हुआ। अधिवेशन पूर्ण होने पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे । भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उप महानिदेशक डॉ एके सिंह ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों के अन्य सभी कार्यों के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष जिम्मेदारी से पूरा करने में जुटे हैं।उन्होंने 88 कृषि विज्ञान केंद्रों की उपलब्धियों पर खुशी जाहिर करते हुए बधाई दी।कार्यशाला के अंतिम दिन चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले 13 कृषि विज्ञान केंद्रों सहित स्वयंसेवी संस्थाओं,शैक्षिक संस्थाओं एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की संस्थाओं द्वारा संचालित कुल 28 कृषि विज्ञान केंद्रों की प्रगति समीक्षा एवं वर्ष 2021-22 की कार्य योजना का प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया गया।इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अटारी जोन -3 कानपुर के निदेशक डॉ अतर सिंह ने अटारी द्वारा कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से वर्ष 2020-21 में उपलब्धियों पर प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में 3 दिनों में विभिन्न समूहों में कृषि विज्ञान केंद्रों की रिपोर्ट संकलित कर आगामी कार्य योजना पर में शामिल करने के लिए रिपोर्ट का संयोजको द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया। विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति गणों से अनुरोध किया गया है कि कृषि विज्ञान केंद्रों की समस्याओं पर उचित ध्यान देकर समाधान कराया जाए।
तीन दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि डॉक्टर डी.आर. सिंह कुलपति चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर ने सभी कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा की आप अपने जनपदों में कृषि की नई तकनीकों का कृषकों के प्रक्षेत्र पर प्रयोग करें तथा कृषक को एकीकृत फसल प्रणाली के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने वैज्ञानिकों से आवाहन किया है कि किसानों की आय दोगुनी करने तथा पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने हेतु प्राकृतिक खेती की तकनीकों के प्रचार प्रसार को बढ़ावा दें। जिससे कि किसानों की आय दोगुनी हो सके। अंत में चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय कानपुर के प्रसार निदेशक डॉ. ए. के. सिंह ने कार्यशाला के सफल आयोजन में सभी कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।