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पोषक अनाज हितधारकों का सम्मेलन, वृक्षारोपण एवं पोषण वाटिका की पहल का हुआ शुभारंभ

नई दिल्ली। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान (आई.आई.एम.आर.) द्वारा ‘अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के परिपेक्ष्य में पोषक अनाज हितधारकों का सम्मेलन, वृक्षारोपण एवं पोषण वाटिका की पहल का शुभारंभ’ किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री भारत सरकार नरेन्द्र सिंह तोमर उपस्थित रहे। भाकृअनुप-अटारी कानपुर निदेशक डॉ. अतर सिंह वर्चुअल रूप से कार्यक्रम से जुड़े। 

इस अवसर पर मुख्य अतिथि नरेन्द्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री को जन्मदिन की हार्दिक बधाई दी। प्रधानमंत्री का विजन है कि देश से विकृति, अभाव, कुपोषण, गैर-बराबरी आदि को दूर किया जाये और हम नागरिक आत्मनिर्भर भारत निर्माण में योगदान देने में सक्षम बन सके। आज 700 से अधिक केवीके के माध्यम से 7 लाख से अधिक पौधों का रोपण किया जा रहा है, कन्याओं को पोषक अनाज दिया जा रहा है एवं बीजों का वितरण भी किया जा रहा है। मिलेट्स से बने उत्पाद सब लोगों की थाली में हों, किसानों का योगदान प्रोसेसिंग के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति के पास पहुँचे। 2023 अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष होगा जिसका नेतृत्व भारत करेगा अतः बहुत सारी अपेक्षाएं हैं। आत्मनिर्भर भारत एक नारा नहीं बल्कि एक मिशन है। आजादी के 75 वर्ष बाद भी कृषि के क्षेत्र में काफी गैप है जिसे भरने के लिये अनेक नई योजनायें लागु की गई हैं, इसके लिये 1.5 लाख करोड़ रूपये का निवेश हुआ है। कान्ट्रेक्ट फार्मिंग एवं 10,000 एफपीओ के लिये सरकार प्रयासरत है। कृषि का क्षेत्र हमारे लिये रीढ़ की हड्डी के समान है। कोविड-19 अवधि में भी कृषि में हमारा प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा एवं देश में अन्न की कमी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की साख पूरे विश्व में बढ़ी है।

कृषि राज्य मंत्री भारत सरकार कैलाश चैधरी कार्यक्रम से आनलाइन जुड़े, उन्होंने कहा कि पोषक अनाज आज हर व्यक्ति की जरूरत है। इसे को लेकर संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। मिलेट्स में बाजरा, रागी, ज्वार एवं अन्य मिलेट्स की फसलों के माध्यम से कुपोषण दूर करने में मदद मिलती है। पहले लोग इन अनाज का अधिक प्रयोग करते थे इसी कारण से वे अधिक मजबूत कद-काठी के होते थे। इस अवसर पर उन्होंने जुड़े हुए किसानों से कहा कि 2014 की तुलना में कृषि का बजट कई गुना अधिक बढ़ चुका है। हम सभी के प्रयासों से देश के किसान को आत्मसम्मान मिल रहा है और आय दोगुनी हो रही हैै। 

सचिव डेयर एवं महानिदेशक भाकृअनुप डॉ. त्रिलोचन महापात्रा ने कहा कि आज कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से 1 लाख से ज्यादा किसान हमारे साथ जुड़े हैं। वृक्षारोपण के साथ ही साथ पोषण वाटिका को बढ़ावा देने के लिये प्रत्येक केवीके द्वारा 100 से अधिक किसानों को बीज वितरण किया जायेगा, जिससे कुपोषण को मिटाने में मदद मिल सके। इस वर्ष आजादी के 75वें वर्ष के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव भी मनाया जा रहा है जिसके अन्तर्गत भाकृअनुप के विभिन्न संस्थानों एवे विश्वविद्यालयों द्वारा विभिन्न चर्चाओं का आयोजन किया जाता है।

डॉ. तिलक राज शर्मा उपमहानिदेशक (फसल विज्ञान) ने समस्त अतिथिगणों का औपचारिक स्वागत किया और कहा कि प्रधानमंत्री न्यूट्रीसीरियल की एवं पोषक अनाज की बात करते हैं एवं इसे मुख्य भोजन में लाने की बात करते हैं जिससे देश को कुपोषण मुक्त बनाया जा सके। उन्होंने आज उपस्थित कृषि मंत्री एवं अन्य गणमान्य अतिथियों को आने के लिये आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में सचिव कृषि एवं कृषि कल्याण विभाग संजय अग्रवाल, कृषि आयुक्त एस.के. मलहोत्रा, डॉ. तिलक राज शर्मा, उपमहानिदेशक (फसल विज्ञान) एवं सभी उपमहानिदेशकगण, ए.डी.जी., विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, समस्त भाकृअनुप संस्थानों के निदेशक एवं समस्त कृषि विज्ञान केन्द्रों के अध्यक्ष एवं वैज्ञानिक, किसान, विद्यार्थी एवं जनसेवक आनलाइन माध्यम से कार्यक्रम में जुड़े।

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