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कृषि वैज्ञानिकों ने दिया सब्जियों की जैविक खेती पर जोर, कहा इससे मृदा संरचना में सुधार एवं बढ़ती है उर्वरा शक्ति

कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर द्वारा आज राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत कीटनाशकों की निगरानी, सब्जियों पर असर तथा मानव जोखिम मूल्यांकन विषय पर एक दिवसीय कृषक गोष्ठी का आयोजन ग्राम आलमपुर खेड़ा में आयोजित किया गया। इस अवसर पर केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि फसल सुरक्षा रसायनों का सब्जी फसलों पर कम से कम प्रयोग करें। जिससे मानव स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव न हो। इस अवसर पर  डॉ. खान ने बताया कि सब्जी उत्पादक किसान भाई सब्जी फसलों में सड़ी हुई गोबर की खाद एवं केंचुआ खाद का प्रयोग करें। जिससे कि रासायनिक उर्वरकों को कम प्रयोग करना पड़े। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि जैविक खादों के प्रयोग से सभी 17 पोषक तत्व पौधों को उपलब्ध हो जाते हैं जिससे फसल उत्पादन गुणवत्ता एवं स्वाद युक्त होता है। 

प्रसार वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार यादव ने उद्यानिकी फसलों जैसे मिर्च, टमाटर, बैंगन आदि की वैज्ञानिक तथ्यों को विस्तार से किसानों को बताया। इस अवसर पर उन्होंने सब्जियों में लगने वाले कीट एवं रोगों का जैविक प्रबंधन विषय पर किसानों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने किसानों से अपील की कि सब्जी फसलों में कम से कम रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करें। उन्होंने कार्यक्रम की विस्तारपूर्वक रूपरेखा बताई तथा कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में कृषकों का पंजीकरण शरद कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर गांव के प्रगतिशील किसान बाबूराम निषाद, महेंद्र सिंह यादव, सोहन सिंह, जगन्नाथ, धनीराम सहित लगभग 50 से अधिक किसान उपस्थित रहे।

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