कानपुर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जन शिक्षण संस्थान, कानपुर के सिविल लाइन्स स्थिति कार्यालय परिसर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ संस्थान के निदेशक सुशील कुमार पाठक द्वारा मुख्य अतिथि डा. अनुराधा वार्ष्णेय, सदस्य, प्रबन्ध मण्डल, जन शिक्षण संस्थान ने किया।
उक्त अवसर पर मुख्य अतिथि डा. अनुराधा वार्ष्णेय द्वारा संस्थान के प्रशिक्षणार्थियों को बताया गया कि हम लोग प्रत्येक वर्ष 08 मार्च को महिला दिवस मनाते हैं। इसका उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना एवं उन्हें सम्मान देना है एवं लैगिंक भेदभाव को समाप्त को एक समान सशक्त समाज का निर्माण करना है। उन्होंने कहा, पहली बार महिला दिवस 1909 में संयुक्त राज्य अमेरिका में महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से किया गया था। एक सशक्त नारी एक सशक्त समाज की पहचान है। आज हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम सभी लोग महिलाओं के अधिकारों एवं उनके सम्मान की रक्षा करेंगे।
निदेशक सुशील कुमार पाठक ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का दिन यानी 08 मार्च महिलाओं को उनके त्याग, बलिदान, योगदान, संघर्ष एवं उपलब्धियों के लिए समर्पित है। महिलाएं न केवल परिवार की रीढ़ की हड्डी होती है, बल्कि समाज में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आज की महिला शिक्षा, राजनीति, खेल आदि सभी जगहों पर सफलता हासिल कर रही हैं। उन्होंने कहा, जिस तरह से एक घर को चलाने में एक महिला का योगदान होता है, उसी तरह समाज की उन्नति और तरक्की में भी महिलाओं का योगदान है ।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से जन शिक्षण संस्थान, कानपुर के कार्यक्रम अधिकारी कमल किशोर श्रीवास्तव, सहायक कार्यक्रम अधिकारी सुनील कुमार शुक्ला, रुचि गुप्ता, शिखा शर्मा, निशात फातिमा सहित संस्थान के प्रशिक्षणार्थी शामिल रहे।