Breaking News

ग्लोबल बायो-इंडिया का दूसरा संस्करण 1-3 मार्च, 2021 तक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आयोजित होगा

  • इस साल का विषय ‘बदलती जिंदगियां’ और टैगलाइन ‘जैव विज्ञान से जैव अर्थव्यवस्था’ है

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्तर पर और वैश्विक समुदाय के समक्ष भारत के जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र की क्षमता और इसमें मौजूद अवसरों के प्रदर्शन के लिए 1-3 मार्च, 2021 के दौरान डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ग्लोबल बायो-इंडिया के दूसरे संस्करण का आयोजन किया जाएगा। इस साल के लिए मुख्य विषय ‘बदलती जिंदगियां’ और टैगलाइन ‘जैव विज्ञान से जैव अर्थव्यवस्था’ है। ग्लोबल बायो-इंडिया जैव प्रौद्योगिकी पक्षधारकों के सबसे बड़े संगठनों में से एक है, जिसे जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार और उसके सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के साथ मिलकर उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), एसोसिएशन ऑफ बायोटेक्नोलॉजी लेड एंटरप्राइजेस (एबीएलई) और इन्वेस्ट इंडिया के साथ भागीदारी में आयोजित किया जा रहा है।

नई दिल्ली में हुए ग्लोबल बायो-इंडिया 2019 के पहले संस्करण को खासी सफलता मिली थी, जिसे 25 से ज्यादा देशों, 190 प्रदर्शकों, 2,500 से ज्यादा प्रतिनिधियों, 300 से ज्यादा स्टार्टअप्स, 50 से ज्यादा इनक्यूबेटर्स, 60 से ज्यादा अनुसंधान संस्थानों की भागीदारी, 800 से ज्यादा जैव साझीदारों की बैठकों और 9 राज्यों के प्रस्तुतीकरण के साथ खासी सफलता मिली थी।

ग्लोबल बायो- इंडिया, 2021 में 50 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधियों के भाग लेने का अनुमान है। साथ ही अभी तक इसके साथ साझीदार देश के रूप में स्विट्जरलैंड और साझीदार राज्य के रूप में कर्नाटक जुड़ा हुआ है। इस जैव प्रौद्योगिकी कार्यक्रम के साथ कुछ अन्य भागीदारों के जुड़ने का अनुमान है। 200 से ज्यादा प्रदर्शकों, 5000 से ज्यादा प्रतिनिधियों और 1000 से ज्यादा स्टार्टअप्स के साथ इस कार्यक्रम में शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, उद्यमियों, स्टार्टअप्स और मझोले व बड़े उद्यमों, निवेशकों, नियामकों, नीति निर्माताओं, समर्थकों और भारत में नवाचार के माहौल को प्रोत्साहन देने वाले राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का प्रतिनिधित्व देखने को मिलेगा। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और भू-विज्ञान मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन इस जैव प्रौद्योगिकी कार्यक्रम का वर्चुअल माध्यम से शुभारम्भ करेंगे।

भारत में जैव प्रौद्योगिकी के विकास में कई सहायक क्षेत्रों की भूमिका पर जोर के साथ, इसमें विभिन्न खंडों के 24 ज्ञान सत्र हैं, जो तीन दिन तक चलेंगे। इन सत्रों में- कोविड से भारत की लड़ाई : विज्ञान से आपूर्ति तक कोविड 19 वैक्सीन का सफर; हैल्थ कॉनक्लेव; स्टार्टअप कॉनक्लेव; फाइटोफार्मा और पारम्परिक ज्ञान; स्वच्छ ऊर्जा कॉनक्लेव; सूक्ष्म दवा और डाटा चालित जीव विज्ञान; महिला उद्यमी कॉनक्लेव; राज्य सत्र; अंतर्राष्ट्रीय निवेशक सम्मेलन आदि शामिल हैं।

ग्लोबल बायो- इंडिया से भारत को उभरते नवाचार हब और दुनिया के लिए जैव विनिर्माण हब के रूप में पहचान मिलने का अनुमान है। इससे भारत का जैव प्रौद्योगिकी नवाचार इकोसिस्टम, निवेश, वैश्विक नेटवर्किंग और भागीदारी, आत्मनिर्भर भारत के लिए मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन मिलेगा।

ग्लोबल बायो-इंडिया 2021 पर डॉ. रेणु स्वरूप के अनुसार नवाचार और भारत का भविष्य एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। हम ग्लोबल बायो-इंडिया के दूसरे संस्करण की मेजबानी से खुश हैं और इस कार्यक्रम के माध्यम से हम जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत की ताकत का प्रदर्शन करेंगे और दुनिया को बताएंगे कि भारत निवेश के लिए सही स्थान है।

About rionews24

Check Also

आईआईटी कानपुर ने 5जी एंटीना प्रौद्योगिकी पर संगोष्ठी का किया आयोजन

कानपुर नगर। दूरसंचार में नवाचार में अग्रणी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (आईआईटी कानपुर) ने ‘5जी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *