Breaking News

जैव संवर्धित गांव में वितरित किये गये खरीफ दलहन के उन्नत बीज, किसानों को दिया गया प्रशिक्षण

कानपुर देहात। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दलहन अनुभाग द्वारा सोमवार को जैव संवर्धित गांव अनूपपुर में कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह के दिशा निर्देशों के अंतर्गत विश्वविद्यालय के दलहन अनुभाग द्वारा मूंग, उर्द की उत्पादन तकनीक पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए डॉ. हरिश्चंद्र सिंह, सहायक प्राध्यापक ने मूंग उर्द की उत्पादन तकनीक पर विचार रखते हुए कहा की जब भी कोई फसल बोये उन्नत प्रजाति व नवीन बीज का चयन करें। मूंग, उर्द में लगने वाले फली भेदक व पत्ती लपेटक कीट के लिए क्विनालफास का एक ली प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करना चाहिए। उक्त बात करते हुए उन्होंने कहा ज्यादा उचित होगा कि पहले संक्रमण का आकलन करने के उपरांत जैव रसायनों का प्रयोग करें। इससे स्वास्थ्य तो सही रहेगा ही, वातावरण भी सुरक्षित रहेगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए कार्यक्रम आयोजक एवं मुख्य अन्वेषक डॉक्टर मनोज कटियार ने कहा कि बीज हमेशा कूंड़ में बोयें। ज्यादातर किसान बीज को छिटकवां बोते हैं जिससे बीज या तो ऊपर ही रह जाता है या ज्यादा नीचे चला जाता है जिससे बीज की बर्बादी तो होती है, उत्पादन भी प्रभावित होता है। मृदा स्वास्थ्य पर चर्चा करते हुए मृदा वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने बताया की मूंग उर्द में राइजोबियम का प्रयोग करें। इसके लिए 200 ग्राम के पैकेट को 500 मिली पानी में मिलाकर 50 ग्राम गुड़ या चीनी मिला कर बीज शोधन करें। जिससे उत्पादन में वृद्धि तो होगी ही नत्रजन स्थिरीकरण में सहायक होता है।
कार्यक्रम में दलहन विभाग के विभागाध्यक्ष व कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. सवेंद्र गुप्ता जी ने कहा की मौसम परिवर्तनशील है। अतः कृषक बंधु इस प्रकार फसल नियोजित करें की खेत खाली न रहें। कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर की गृह वैज्ञानिक डॉ. मिथिलेश वर्मा ने कृषकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए फसल बीमा करवाने हेतु प्रेरित किया। डॉ. अशोक कुमार अध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र, कानपुर देहात ने बताया की मूँग उर्द में पी. एस. बी. कल्चर का प्रयोग कर जमीनी फॉस्फोरस को घुलनशील बना देती है।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. निमिषा अवस्थी ने कहा की मूंग की दाल काफी पाचक होने के साथ प्रोटीन का उत्तम स्रोत भी है। कार्यक्रम में मूंग की श्वेता, शिखा एवं विराट व उर्द का शेखर -2 व आज़ाद -3 का बीज 100 किसानों को वितरित किया गया। कीट विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राम सिंह उमराव ने फसल में लगने वाले कीटों के बारे में जानकारी दी तथा उनके बचाव हेतु उपाय बताएं। इस अवसर पर गांव अनूपपुर के 100 से अधिक महिला एवं पुरुष किसान उपस्थित रहे।

About rionews24

Check Also

‘3D कंक्रीट प्रिंटर ए न्यू इमर्जिंग कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी’ विषय पर व्याख्यान का हुआ आयोजन

सुल्तानपुर। कमला नेहरु प्रौद्योगिकी संस्थान के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में बुधवार को ‘3D कंक्रीट प्रिंटर …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *