लखनऊ। उत्तर प्रदेश फिल्मों की शूटिंग के लिए इन दिनों मोस्ट फ्रेंडली स्टेट बना हुआ है। राजधानी लखनऊ के साथ साथ छोटे शहरों में भी फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग हो रही है। इस कारण स्थानीय कलाकारों को भी अभिनय के मौके मिल रहे हैं। छोटे शहरों से लखनऊ आये कई कलाकार अपने दमदार अभिनय से रंगमंच, फिल्म और वेब सीरीज में अच्छा काम कर रहे हैं।
वेब सिरीज़ आश्रम में अपने दमदार अभिनय का प्रदर्शन करने वाले लखनऊ के अजय सिंह अपने बारे में बताते हैं कि मैं उन्नाव जैसे छोटे जिले से हूं। जहाँ रंगमंच से जुड़े विजय पंडित जब रिहर्सल किया करते थे तो मैं अपने दोस्त के घर की छत से रिहर्सल देखा करता था। वहीं से मुझे अभिनय के प्रति लगाव उत्पन्न हुआ। जब लखनऊ आना हुआ तो मित्र विकास श्रीवास्तव के सहयोग से ललित सिंह पोखरिया, राजा अवस्थी और जिया अहमद खान जैसे गुरुओं के सानिध्य मिला, जिनके निर्देशन में थिएटर की शुरुआत की। सभी से मैंने अभिनय की वो बारीकियां सीखीं जो मेरे फ़िल्मी सफर में काम आ रही हैं।
अभिनेता अजय सिंह आगे बताते हैं कि लखनऊ की लगभग हर संस्था में काम किया है। हिंदी भाषा के साथ संस्कृत भाषा में भी नाटक किए हैं। लखनऊ में थिएटर करते हुए दूरदर्शन कार्यक्रमों में भी काफी काम किया है। फिल्मों में अभिनय की शुरुआत शोरगुल फिल्म से हुई थी। फिर तो सफर चल निकला, जौली एलएलबी 2, रेड, सफाई बाज, कागज, मैंने पी नहीं है, सन्यासी, देशो नायक, दबंग सरकार, परिवार के बाबू, मुकद्दर के सिकंदर, फैमिली ऑफ ठाकुरगंज। वेब सीरीज में रंगबाज, परिवार, इज्जत, सूटेबल बॉय और आश्रम हैं। कमर्शियल लाइट में इंश्योरेंस सावधान अमेजॉन, क्राइम पेट्रोल, सावधान इंडिया, बांसुरी आदि में काम किया है।
अजय सिंह ने कहा कि ‘अ सूटेबल बॉय’ में मीरा नायर के डायरेक्शन में काम करके अच्छा अनुभव रहा, वहीँ ‘आश्रम’ वेब सीरीज में प्रकाश झा के प्रोडक्शन में काम करके बहुत कुछ सीखने को मिला। प्रकाश झा एक अद्भुत डायरेक्टर हैं। उन्होंने बताया, ‘आश्रम’ की तीनों सीरीज में मुख्यमंत्री सुंदरलाल के साले सुमित कौशिक का किरदार निभाने में एक अलग ही अनुभव रहा। सभी को-एक्टर ने भी सहयोग दिया चाहे बॉबी देओल हो, चंदन राय हो या डॉक्टर अनिल रस्तोगी, दर्शन कुमार। अब सीरीज 4 आनी है चाबी हन है जिसकी शूटिंग आगे है जो 2023 में रिलीज होगी।
अभिनेता बनने की चाहत रखने वाले युवाओं को सन्देश देते हुए अजय सिंह ने कहा कि एक अच्छे एक्टर के लिए थिएटर बहुत जरूरी है। थिएटर करने से स्क्रिप्ट और कैरेक्टर को कैसे निभाना है, उसकी समझ के साथ आत्मविश्वास भी आता है।