Breaking News

पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता शांति देवी का निधन

नई दिल्ली। पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता शांति देवी का रविवार की रात ओडिशा के रायगडा जिले के गुनुपुर में उनके आवास पर निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता शांति देवी के निधन पर शोक जताया और कहा कि उन्हें गरीबों और वंचितों की आवाज के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने एक ट्वीट में कहा,‘‘शांति देवी जी को गरीबों और वंचितों की आवाज के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने निस्वार्थ भाव से लोगों का दुख दूर करने और एक स्वस्थ व न्यायसंगत समाज निर्माण के लिए काम किया। उनके निधन से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और असंख्य प्रशंसकों के साथ हैं।’’

शांति देवी का जन्म 18 अप्रैल, 1934 को बालासोर जिले के एक जमींदार परिवार में हुआ था। दो साल के कॉलेज के बाद, 17 साल की उम्र में उनकी शादी महात्मा गांधी के अनुयायी डॉक्टर रता दास से हुई। जिसके बाद वो अपने पति के साथ अविभाजित कोरापुट चली गईं। शांति देवी ने 1952 में कोरापुट जिले में जमीन सत्याग्रह आंदोलन से खुद को जोड़ा। तब उन्होंने जमींदारों द्वारा जबरन हड़प ली गई आदिवासी लोगों की जमीन को मुक्त कराने के लिए संघर्ष किया। बाद में वह बोलनगीर, कालाहांडी और संबलपुर जिलों में भूदान आंदोलन में शामिल हो गईं। उन्होंने गोपालनबाड़ी स्थित आश्रम में भूदान कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया, जिसकी स्थापना मालती देवी (ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नबा कृष्ण चौधरी की पत्नी) ने की थी।
शांति देवी ने आदिवासी लड़कियों के आगे बढ़ने के लिए काम किया। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से आदिवासी लड़कियों के उत्थान के लिए अपना अमूल्य योगदान दिया। समाज सेवा आंदोलन के प्रमुख अग्रदूतों में से एक के रूप में, उन्हें वर्ष 2021 में देश के सबसे प्रतिष्ठित नागरिक पुरस्कारों में से एक ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया गया था।

About rionews24

Check Also

KNIT : अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर हुआ संगोष्ठी का आयोजन

सुल्तानपुर। कमला नेहरु प्रौधोगिकी संस्थान के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस उत्साहपूर्वक मनाया …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *