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वैकल्पिक आजीविका एवं डेयरी विकास विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण का हुआ शुभारंभ

कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रसार निदेशालय में गुरुवार को सोलिड रेकॉड एशिया कानपुर द्वारा ‘वैकल्पिक आजीविका, बेहतर कार्य प्रणाली और जलवायु प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय के माध्यम से डेयरी का विकास’ विषय पर दो दिवसीय (24 से 25 फरवरी 2022) कृषक एवं महिला कृषकों हेतु प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सह निदेशक प्रसार डॉ.पी.के. राठी ने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि वैज्ञानिकों द्वारा दी गई नवीनतम तकनीकों से आप अपनी खेती, पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन के उद्यम को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर बने। इस अवसर पर मृदा वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने नाडेप कंपोस्ट एवं केंचुआ खाद बनाने की वैज्ञानिक विधि एवं उपयोगिता के बारे में विस्तार से किसानों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मृदा में जीवांश कार्बन की बढ़ोतरी होती है तथा फसल उत्पाद गुणवत्ता युक्त होता है। डॉ. पी.के. उपाध्याय ने पशुपालन एवं पशुओं के रखरखाव विषय पर विस्तार से जानकारी दी। डॉ. पी.के. राठी ने कृषि में जैविक उर्वरकों का प्रयोग एवं खेती में लाभ विषय पर बताया।
वैज्ञानिक डॉक्टर सोहन लाल वर्मा ने पशुओं के लिए संतुलित आहार एवं हरे चारे की उपलब्धता विषय पर जानकारी दी। पशुपालन वैज्ञानिक डॉ शशिकांत ने पशुओं के प्रमुख रोग नियंत्रण एवं टीकाकरण विषय पर विस्तार से किसानों को बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर एस. बी. पाल ने किया। उन्होंने विस्तार से प्रशिक्षण की रूपरेखा पर भी चर्चा की।
सभी अतिथियों का स्वागत डॉक्टर अनिल कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर सॉलिड रेकॉड के महेंद्र कुमार मौर्य कार्यक्रम अधिकारी ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉक्टर दिनेश सिंह, चित्रांगद कुमार, अखिलेश सिंह, तरन्नुम खान एवं थपलियाल सहित लगभग 100 कृषक एवं महिला कृषक उपस्थित रहे।

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