कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में एक दिवसीय बीज व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. वीरेंद्र प्रसाद, प्राध्यापक बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जी. बी. पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर रहे। डॉ. प्रसाद ने ‘बीज उत्पादन के सिद्धांत व सुरक्षित भंडारण’ पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया तथा परास्नातक एवं शोध छात्रों को बीज उत्पादन तकनीक से जुड़ने और व्यवसाय करने के लिए प्रोत्साहित किया।
डॉ. प्रसाद ने बताया कि केवल उच्च गुणवत्ता के बीज का प्रयोग करके किसान अपने उत्पादन को 20 से 22% तक बढ़ा सकता है। उन्होंने बताया कि बीज उत्पादन के समय बीज के अनुवांशिक शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बीज फसल का चयन करते समय यह ध्यान रखना चाहिए की खेत की स्थिति, बीज की अलगाव दूरी और उस खेत में पिछली बार वही फसल न उगाई गई हो। खेत स्वयं एवं अन्य फसलों और खरपतवारों से मुक्त हो। बीज फसल में पर परागण के कारण होने वाली अशुद्धता तथा रोगों के फैलाव आदि से बचने के लिए एक निश्चित दूरी पर बीज फसल को उगाया जाना चाहिए। आम तौर पर स्वपरागण फसलों में 3 मीटर, आंशिक पर परागित फसलों में 30 मीटर तथा परागित फसलों में 200 मीटर दूरी रखी जाती है। बीजों को निम्न ताप व निम्न नमी की दशाओं में भंडारित किया जाना चाहिए, जिससे भंडारण के समय कीड़ों के फैलने का भय ना रहे। इसके लिए बीज को बोरे या बिन जिसमें रखना है उसे प्रयोग से पूर्व अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए क्योंकि उसमें पहले से अन्य फसलों के बीज या कीड़े आदि हो सकते हैं। अच्छा रहे उन्हें डीडीटी के 3% घोल में डूबा कर अच्छी तरह से सूखा लिया जाए।
कार्यक्रम में बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, सब्जी विज्ञान विभाग एवं फल विज्ञान विभाग के परास्नातक एवं शोध छात्र तथा विभिन्न वैज्ञानिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ. सी. एल. मौर्य ने किया तथा कार्यक्रम का समापन शोध छात्रा श्रेया सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया।